पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये -देवनानी

जयपुर। राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने काँग्रेस द्वारा बेवजह चलाये जा रहे निजी विद्यालयों (प्राईवेट स्कूलों में) द्वारा फीस वृद्धि के आन्दोलन को काँग्रेस की कुण्ठाग्रस्त राजनीति की उपज करार देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार हमेशा आमजनता के हितार्थ समर्पित रही है और राजस्थान सरकार के सभी निर्णय जन सामान्य को राहत पहुँचाने वाले रहे है। आज जब काँग्रेस को और कुछ नहीं सूझ रहा है, तो वह विद्यार्थियों और अभिभावकों की आड़ लेकर हल्ला-गुल्ला कर रही है।

वासुदेव देवनानी ने कहा कि काँग्रेस के नेता बेवजह फीस वृद्धि का माहौल बना रहे है। जबकि यह पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि राजस्थान में 26 हजार स्कूलों में फीस एक्ट अधिनियम 2016 पर आधारित फीस निर्धारण कमेटी बन चुकी है। इस कमेटी में अभिभावकों के प्रतिनिधि भी शामिल है। विद्यालय की फीस वृद्धि में कहीं भी अभिभावकों को शिकायत होने पर इस कमेटी में बताया जा सकता है। और अगर फिर भी समाधान नहीं होता है तो सम्भाग स्तरीय कमेटी में शिकायत की जा सकती है।

देवनानी ने बताया कि जो भी एक-दो शिकायत आई है, उस पर विभाग कार्यवाही कर रहा है। काँग्रेस के द्वारा यह प्रचार किया जा रहा है कि अभिभावकों पर स्कूल ड्रेस, पुस्तकें आदि खरीदनें के लिए निजी स्कूल दबाव बना रहे हैं, तो इसके जवाब में मैं इन काँग्रेसियांे को स्पष्ट करना चाहूँगा कि सरकार ने पहले ही यह कह दिया है कि कोई भी विद्यालय अभिभावकों पर विद्यालय गणवेश, पुस्तकें, टाई, बैल्ट, जुराब इत्यादि किसी दुकान विशेष से खरीदने का दबाव नहीं बना सकता है। अगर कोई ऐसा कर रहा है, तो उस पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस हेतु निर्देश दिये जा चुके है। देवनानी ने कहा कि काँग्रेस केवल हंगामा करके अपने अस्तित्व को बचाने का प्रयास कर रही है। जबकि राजस्थान की जनता समझदार है और जनता यह अच्छी तरह जानती है कि जनहितकारी राजस्थान सरकार हमेशा जन सामान्य के हितार्थ कदम उठाती है। विद्यार्थियों तथा अभिभावकों को कतई परेशानी नहीं आने दी जायेगी। आज माननीय राज्यपाल महोदय को ज्ञापन देने गये काँग्रेसियों में ऐसे पूर्व शिक्षा मंत्री भी शामिल थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कभी भी शिक्षा के हितों को वरीयता नहीं दी, केवल निजी हितों को सर्वोपरि रखा। विद्यार्थी और अभिभावक की आज वो बात कर रहे है, जबकि अपने शासन के समय उन्हें कभी भी विद्यार्थी और अभिभावक याद नहीं आये और जब राजस्थान की जनता ने आईना दिखाया, तो अब बौखलाहट में हल्ला-गुल्ला और विरोध प्रदर्शन कर रहे है। जनता उनके साथ नहीं है। क्योंकि जनता जानती है कि राजस्थान सरकार स्वप्रेरणा से जनहित हेतु समर्पित है ? तथा विद्यार्थी और अभिभावकों के हितों पर सरकार किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं होने देगी।

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