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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सुशासन राज्य सरकार का मूलमंत्र रहा है। आने वाले समय में गुड गवर्नेन्स के दायरे को हम और व्यापक बनाएंगे। उन्होंने कहा कि त्वरित सर्विस डिलीवरी, सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने, आईटी के अधिकाधिक उपयोग से मानवीय हस्तक्षेप कम करने तथा दफ्तरों में कार्यशैली में सुधार पर हमारा मुख्य फोकस रहेगा।

गहलोत शुक्रवार को शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गुड गवर्नेन्स और आमजन को बेहतर सर्विस डिलीवरी पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी, आर्थिक बाधाओं एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं सहित तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने एक से बढ़कर एक कल्याणकारी फैसले लिए और उन्हें पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया। जन घोषणा पत्र के 70 प्रतिशत वादे धरातल पर साकार हुए और विगत तीन वर्षों में की गई 1695 बजट घोषणाओं में से 1473 अर्थात् 87 प्रतिशत घोषणाओं को क्रियान्वित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संकट का हमारी सरकार ने जिस मजबूती से सामना किया उसकी पूरे देश में सराहना हुई है। प्रदेशवासियों के सहयोग से ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को हमने साकार किया। मुझे खुशी है कि अन्य वर्गों के समान ही प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी ने भी प्रतिकूल हालातों में पूरे समर्पण भाव के साथ काम कर राजस्थान को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने अनुभव और सेवा-भाव के साथ पूरी निष्ठा से कार्य करें ताकि सुशासन का हमारा संकल्प पूरी तरह साकार हो।

गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल योजना और उड़ान योजना के साथ ही राज्य सरकार की तमाम फ्लैगशिप योजनाएं आमजन के जीवन स्तर में सुधार, स्वास्थ्य सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में बड़े कदम हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। अधिकारी जब जिलों में जाएं तो धरातल पर इन योजनाओं का फीडबैक लें और समीक्षा करें। साथ ही इनका व्यापक प्रचार-प्रसार हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिरंजीवी बीमा योजना में प्रत्येक परिवार का पंजीयन सुनिश्चित किया जाए। सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की सोच के साथ महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले हैं। इन विद्यालयों में योग्य शिक्षकों का चयन हो, आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हों एवं छात्र-शिक्षक अनुपात का ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार इन्वेस्ट राजस्थान समिट के रूप में महत्वपूर्ण आयोजन करने जा रही है। संबंधित विभाग पूर्ण समन्वय के साथ इसे सफल बनाएं।
गहलोत ने कहा कि कई बार अशिक्षित लोग जागरूकता के अभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते। पूरी संवेदनशीलता के साथ ऎसे लोगों तक लाभ पहुंचाना हमारा ध्येय होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय कामकाज में नवाचार को बढ़ावा देने, निचले स्तर तक कार्मिकों से नियमित संवाद रखने और सर्विस मैनुअल की प्रभावी पालना पर बल दिया।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति, नवाचारों और उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्हाेंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारी सकारात्मक सोच के साथ काम कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि राज्य सरकार के फैसलों को लागू करने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ सके। उन्होेंने आश्वस्त किया कि आगे भी इसी भावना के साथ तत्परता के साथ काम किया जाएगा। बैठक में विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने सुशासन को लेकर अपने सुझाव दिए।

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