जयपुर। अधीनस्थ कर्मचारी को नशीला जूस पिलाकर दुष्कर्म करने तथा ब्लैक मेल करने के मामले में आरोपी डॉ. बलवीर सिंह तोमर की मुश्किलें उस समय बढ़ गई, जब पीड़ित युवती ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए धारा 164 के बयानों में आरोप दोहराए तथा ठोस साक्ष्य पेश की। इसके साथ ही पीड़िता के एडवोकेट आदित्य जैन तथा शंकर लाल गुर्जर ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर पीडिèता को सुरक्षा प्रदान की गुहार लगाई।
26 वर्षीय पीड़िता ने आमेर थाने में 21 दिसम्बर, 2०18 को दर्ज कराई रिपोर्ट में निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. बलवीर सिंह तोमर के अलावा उसके दामाद डॉ. पंकज सिंह एवं कर्मचारी बसन्त सिंह पर भी बलात्कार करने का आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में पीड़िता ने पिता का 2००1 में निधन एवं पांच भाई-बहिनों में सबसे बड़ी होने पर घर की जिम्मेदारी होने का हवाला देते हुए कहा है कि अक्टूबर, 2०15 में उसने निम्स में आवेदन किया था। उसे असिस्टेंट मैनेजर, अस्पताल के पद पर नियुक्ति दी गई।
लेकिन उससे चेयरमैन ऑफिस की कोर टीम में सैक्रेट्री का काम करवाया। 16 नवम्बर, 2०15 को उसे दिल्ली में कांफ्रेंस के बहाने बुलाकर पहली बार द्बारका स्थित गोल्फ व्यू अपार्टमेंट के फ्लेट में नशीला जूस पिलाकर रेप कर मोबाइल में फोटोज व वीडियो दिखाए गए। घर की जिम्मेदारी होने के कारणा कार्यवाही करने में असहाय बताया। पीड़िता का आरोप है कि विभिन्न स्थानों पर अनेकों बार दुष्कर्म कर उसका जीवन नारकीय बना दिया। जिसके सबूत आधा दर्जन वीडियो में मौजूद हैं। पंकज सिंह ने 26 जनवरी व अप्रेल, 2०16 में तथा कर्मचारी बसन्त सिंह पर भी अनेकों बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।