जयपुर। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया है कि राजउद्योगमित्र पोर्टल पर उद्योग लगाने के लिए आशय पत्र प्रस्तुत कर एकनोलेजमेंट प्राप्त करने वालों में युवाआें ने खासी रुचि दिखाई है, वहीं पोर्टल पर पंजीयन कराने में जयपुर आगे है तो निवेश व रोजगार की दृष्टि से अलवर और जोधपुर शीर्ष पर है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश में एमएसएमई उद्योगों की स्थापना के लिए बेहतर माहौल बनाने और सरकारी अनुमतियों के चक्कर में उद्यमियों को अनावश्यक परेशानियों से बचाने के लिए कानून में संशोधन किया गया और मुख्यमत्री ने 12 जून, 2019 को इस ऑनलाईन पोर्टल का शुभारंभ किया था।

उद्योग मंत्री यहाँ सचिवालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल और आयुक्त उद्योग श्री मुक्तानन्द अग्रवाल के साथ राजउद्योगमित्र पोर्टल की प्रगति समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मैन्यूफैक्चरिंग की तुलना में सर्विस सेक्टर में अधिक उत्साह देखा गया है, वहीं उद्यमियों और उद्यम लगाने में रुचि रखने वाले प्रदेशवासियों ने पोर्टल को बेहतर बताया है। उन्होंने बताया कि राजउद्योगमित्र पोर्टल पर अब तक 2510 लोगों ने आवेदन कर मात्र दो सैकण्ड से भी कम समय में एकनोलेजमेंट प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि यह एकनोलेजमेंट ही उद्यमियों को तीन साल तक किसी भी तरह की अनुज्ञा प्राप्त करने की मुक्ति देती है, वहीं इसके बाद 6 माह का समय अनुज्ञाएं प्राप्त करने का भी देती है।

मीणा ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश के प्रति उत्साह को इसी से समझा जा सकता है कि विभाग द्वारा पोर्टल से एकनोलेजमेंट प्राप्त करने वालों से वन टू वन सर्वे कराने पर सामने आया है कि इतने कम समय में ही प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र में लगभग 615 करोड़ के निवेश और 10 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित होने के प्रस्ताव है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजउद्योगमित्र पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों और इसके प्रभाव को लेकर दो चरणों में बीआईपी के माध्यम से संबंधित से दूरभाष पर संपर्क कर कराए गए सर्वे के नतीजे उत्साहवद्र्धक है। उन्होंने बताया कि दो चरणों में पहले प्राप्त एक हजार और उसके बाद के एक हजार आवेदकों से संपर्क किया गया। इसमें सबसे उत्साहजनक नतीजा यह आया कि 44 फीसदी आवेदक पहली पीढ़ी के हैं तो 12 फीसदी आवेदकों ने छह माह में काम शुरु करने को कहा है, वहीं 12 प्रतिशत ने परियोजना का काम आरंभ कर दिया है। वन टू वन सर्वे के अनुसार एकनोलेजेमेंट प्राप्त करने वालें उद्यम आरंभ करने के प्रति काफी उत्साहित है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 36.35 प्रतिशत ने रुचि दिखाई है तो सर्विस सेक्टर में 63.65 प्रतिशत ने उत्साह दिखाया है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई सेक्टर आर्थिक विकास की रीढ़ होने के साथ ही कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार इसी क्षेत्र से उपलब्ध होते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की इस पहल का थर्ड पार्टी सर्वे स्वतंत्र संस्था सीआईआई द्वारा भी करवाया जा रहा है।

आयुक्त उद्योग एवं बीआईपी मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि सर्वे अवधि तक राजउद्योगमित्र पोर्टल पर आवेदन कर एकनोलेजमेंट पाने वाले 2 हजार उद्यमियों में सबसे अधिक 362 जयपुर, 196 अलवर व 163 जोधपुर से हैं। उन्होंने बताया कि सर्वे में सामने आया है कि केवल 13 प्रतिशत पहले से उद्यमियों या अनुभव रखने वाले आगे आए हैं वहीं नई पीढ़ी के युवाओं में एमएसएमई उद्यम लगाने में अधिक उत्साह देखा गया है।

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