जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन मूल्यों एवं सिद्धान्तों से विद्यार्थियों को रूबरू करवाने के लिए सर्वोदय विचार परीक्षा के आयोजन हेतु एक उप समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस उप समिति में गांधीवादी विचारधारा से जुड़े लोगों को सम्मिलित किया जाए। गहलोत ने कहा कि गांधीजी का जीवन संदेश भावी पीढ़ी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को बेहतर बनाने के साथ ही समाज को नई दिशा देने वाला है। सर्वाेदय विचार परीक्षा जैसी परिकल्पना बापू की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने में एक कारगर उपाय साबित होगा।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर सर्वोदय विचार परीक्षा को लेकर सम्बन्धित विभागों के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी गांधीवादी मूल्यों से जुड़कर बेहतर नागरिक बन सके, इसके लिए बजट में हमने इस परीक्षा के आयोजन की घोषणा की है। स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा तथा कला एवं संस्कृति विभाग परीक्षा के सफल आयोजन की रूपरेखा तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा से सम्बन्धित सभी विभाग अपनी वार्षिक गतिविधियों के तहत गांधीवादी विचारधारा से सम्बन्धित चित्रकला, निबन्ध, वाद-विवाद जैसी सह-शैक्षणिक प्रतियोगिताएं आयोजित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि दांडी मार्च की 91वीं वर्षगांठ के आयोजन से जुड़े कार्यक्रमों को प्रदेश में व्यापक भागीदारी के साथ आयोजित किया जाए। गहलोत ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन में दांडी मार्च का विशेष महत्व है। जन-जन की भागीदारी से नई पीढ़ी को हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से अवगत होने का अवसर मिलेगा।
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा अपर्णा अरोरा, शासन सचिव कला एवं संस्कृति मुग्धा सिन्हा, गांधीवादी दर्शन से जुड़े पूर्व महाधिवक्ता जीएस बाफना, धर्मवीर कटेवा, मनीष शर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए।

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