– क्रास वोटिंग और सांसद कार्यालय में तोडफ़ोड़ की जांच के लिए पांच सदस्य कमेटी करेगी।
– भूपेन्द्र औझा
भीलवाड़ा बारां जिला प्रमुख चुनाव में बहुमत के बावजूद भाजपा प्रत्याशी के हराने की घटना भाजपा में तूल पकड़ रही हैं। भाजपा आलाकमान तक यह मसला पहुंच गया है। भाजपा प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर बारां भाजपा जिलाध्यक्ष जगदीश मीणा ने दो कमेटी बनाई है। एक कमेटी में पांच सदस्य क्रॉस वोटिंग की जांच करेगी। दूसरी कमेटी में तीन सदस्य भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह के कार्यालय में तोडफ़ोड़ व प्रभारी से अभ्रद व्यवहार की जांच करेगी। दोनों कमेटियां जल्द भाजपा प्रदेश नेतृत्व को रिपोर्ट देगी। पार्टी जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों पर कार्यवाही की मूड में है। हालांकि बारां उपजिला प्रमुख चुनाव में भाजपा ने अपने सभी जिला परिषद सदस्यों के वोट प्राप्त कर बाजी मार ली। लेकिन जिला प्रमुख की हार और तोडफ़ोड़ की घटना से प्रदेश नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है।

गौरतलब है कि भाजपा की प्रियंका शर्मा को हराकर खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन जिला प्रमुख बन गई थी। एक सदस्य की क्रॉस वोटिंग से भाजपा जीती हुई बाजी हार गई। प्रदेश अध्यक्ष व संगठन मंत्री ने प्रभारी वासुदेव देवनानी से उक्त मामले में पूरी रिपोर्ट ली। साथ ही कमेटी गठित करके क्रॉस वोटिंग करने वाले सदस्य का पता लगाने के निर्देश दिए। प्रदेश नेतृत्व ने इस मामले को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व व प्रभारी अरुण सिंह को अवगत कराया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की तैयारी है। उधर, बारां जिला प्रमुख चुनाव नतीजे के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे व सांसद दुष्यंत सिंह के बारां दफ्तर पर पत्थरबाजी, राजे समर्थक विधायक विधायक प्रतापसिंह सिघंवी के खिलाफ नारेबाज़ी के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए। बारां के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं का कहना है कि सभी की राय से जिला प्रमुख पद पर प्रत्याशी का चयन हुआ था। सेंधमारी से बचने के लिए सभी सदस्यों को मध्यप्रदेश भी लेकर गए। सभी सदस्य वरिष्ठ विधायकों के संरक्षण में थे। बावजूद एक सदस्य क्रॉस वोटिंग कर गया। यह पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को पच नहीं रही है। क्रॉस वोटिंग में लेनदेन के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। नेताओं को देख लेने की धमकियां दी गई। बारां जिला प्रमुख के उलटफेर ने बारां जिला के साथ प्रदेश पार्टी में बवाल ला दिया है। परिणाम ने साबित कर दिया कि गुटबाजी से पार्टी हारी है। किसी ना किसी ने पार्टी प्रत्याशी के साथ गद्दारी की। इन सभी के लिए पार्टी ने कमेटियां तो गठित कर दी, लेकिन मामले में ऊपर से नीचे तक कौन दोषी है, यह समय बताएगा।

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