2G spectrum scam

नयी दिल्ली : 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले का घटनाक्रम निम्नलिखित है। इस मामले में विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य सभी को आज बरी कर दिया।

मई 2007: ए राजा ने दूरसंचार मंत्री के रूप में प्रभार संभाला।
अगस्त 2007: दूरसंचार विभाग ने यूनिफाइड एक्सेस सर्विसेस (यूएएस) लाइसेंसों के साथ 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रक्रिया आरंभ की।
25 सितंबर, 2007: दूरसंचार मंत्रालय ने आवेदन के लिए एक अक्तूबर, 2007 की अंतिम तिथि तय करते हुए प्रेस नोट जारी किए।
एक अक्तूबर, 2007: दूरसंचार विभाग को 46 कंपनियों के 575 आवेदन मिले।
दो नवंबर, 2007: तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने निष्पक्ष लाइसेंस आवंटन एवं प्रविष्टि शुल्क की उचित समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजा को पत्र लिखा।
22 नवंबर, 2007: वित्त मंत्रालय ने अपनाई गई प्रक्रिया के संबंध में चिंताएं व्यक्त करते हुए दूरसंचार विभाग को पत्र लिखा।
10 जनवरी, 2008: दूरसंचार विभाग ने ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की तर्ज पर लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया। आवेदन की अंतिम तारीख निर्धारित तिथि से पहले कर 25 सितंबर तय की गई।
2009: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सीबीआई को 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच का आदेश दिया।
21 अक्तूबर, 2009: सीबीआई ने दूरसंचार विभाग के अज्ञात अधिकारियों, अज्ञात निजी व्यक्तियों/कंपनियों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

13 सितंबर, 2010: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और राजा से 2008 में टेलीकॉम लाइसेंस की मंजूरी में 70,000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाने वाली तीन याचिकाओं का 10 दिन में जवाब देने को कहा। 10 नवंबर, 2010: कैग ने 2जी स्पेक्ट्रम पर सरकार को रिपोर्ट सौंपी, राजस्व को 1.76 लाख करोड़ रुपए की हानि का दावा किया।
14, 15 नवंबर, 2010: राजा ने दूरसंचार मंत्री के पद से इस्तीफा दिया।
दो फरवरी, 2011: सीबीआई ने 2जी मामले में राजा को गिरफ्तार किया। पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और राजा के पूर्व निजी सचिव रविंद्र कुमार चंदोलिया को भी गिरफ्तार किया गया।
आठ फरवरी, 2011: स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।
14 मार्च, 2011: दिल्ली उच्च न्यायालय ने विशेष रूप से 2जी मामलों के निपटान के लिए विशेष अदालत का गठन किया।
29 मार्च, 2011: उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को 31 मार्च के बजाए दो अप्रैल को आरोपपत्र दायर करने की अनुमति दी।
दो अप्रैल, 2011: सीबीआई ने पहला आरोपपत्र दायर किया। राजा, चंदोलिया और बेहुरा का नाम शामिल किया गया। रिलायंस एडीएजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक गौतम दोशी, इसके वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरि नायर, समूह के अध्यक्ष सुरेंद्र पिपारा, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा एवं विनोद गोयनका और यूनीटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा को आरोपी बनाया गया।
रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड, स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और यूनीटेक वायरलेस (तमिलनाडु) प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी आरोप पत्र में शामिल किया गया।
25 अप्रैल, 2011: सीबीआई ने द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की बेटी एवं सांसद कनीमोई और चार अन्य का नाम भी दूसरे आरोप पत्र में शामिल किया।
23 अक्तूबर, 2011: सभी 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए।
11 नवंबर, 2011: मामले की सुनवाई शुरू।
23 नवंबर, 2011: उच्चतम न्यायालय ने पांच आरोपियों हरि नायर, गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा, संजय चंद्रा और विनोद गोयनका की जमानत मंजूर की।
28 नवंबर, 2011: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कनीमोई, शरद कुमार, करीम मोरानी, आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल की जमानत मंजूर की।
29 नवंबर, 2011: विशेष अदालत ने शाहिद बलवा की जमानत मंजूर की।

एक दिसंबर, 2011: विशेष अदालत ने चंदोलिया की जमानत मंजूर की। 12 दिसंबर, 2011: सीबीआई ने तीसरा आरोपपत्र दायर किया। एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया और अंशुमन रुइया, इसके निदेशक (रणनीति एवं योजना) विकास सर्राफ, लूप टेलीकॉम की प्रमोटर किरण खेतान और उनके पति आई पी खेतान का नाम शामिल किया गया।
लूप टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, लूप मोबाइल इंडिया लिमिटेड और एस्सार टेली होल्डिंग का नाम भी आरोपपत्र में शामिल किया गया।
दो फरवरी, 2012: उच्चतम न्यायालय ए राजा के कार्यकाल में मंजूर किए गए 122 लाइसेंस रद्द किए। चार महीनों में लाइसेंसों की नीलामी के निर्देश दिए।
चार फरवरी, 2012: विशेष अदालत ने 2जी मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सह आरोपी बनाने की स्वामी की याचिका खारिज की।
24 अगस्त, 2012: उच्चतम न्यायालय ने 2जी मामले में चिदंबरम के खिलाफ जांच की याचिका खारिज की और कहा कि प्रथमदृष्टया किसी सामग्री से यह पता नहीं चलता कि चिदंबरम को आर्थिक लाभ मिला।
25 अप्रैल, 2014: ईडी ने 2जी संबंधी धनशोधन मामले में राजा, कनीमोई और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए।
31 अक्तूबर, 2014: धनशोधन मामले में आरोप तय किए गए।
10 नवंबर, 2014: 19 दिसंबर से अंतिम जिरह।
पांच दिसंबर, 2017: विशेष अदालत ने 2जी मामले में फैसला सुनाने के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की।

21 दिसंबर, 2017: विशेष अदालत ने सभी तीनों मामलों में राजा समेत सभी आरोपियों को बरी किया।

 

 

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