दिल्ली | प्रधानमंत्री ने नीति आयोग द्वारा प्रवासी भारतीय केन्द्र में “चैंपियंस ऑफ़ चेंज” पहल पर युवा उद्यमियों को संबोधित किया। युवा उद्दमियों के 6 समूहों ने साफ्ट पावर – अतुल्य भारत 2.0, शिक्षा और दक्षता विकास, स्वास्थय और पोषाहार, सतत कल को ऊर्जावान बनाना, 2022 तक न्यू इंडिया जैसे विषयों पर प्रधानमंत्री के समक्ष प्रजेन्टेशन दी।

उधमियों द्वारा दिये गये प्रजेन्टेशन में प्रस्तुत नये विचारों और नवाचारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले जमाने में बडे पैमाने पर लोगो की जरूरत सामाजिक पहल से पूरी हो जाती थी और समाज के प्रसिद्ध लोगों द्वारा इन आन्दोलनों का नेतृत्व किया जाता था।

प्रधानमंत्री ने कहा “चैम्पियन्स ऑफ़ चेंज पहल को राष्ट्र और समाज के लाभ के लिए भिन्न ताकतों को साथ लाने के प्रयास की एक पहल बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल को हर सम्भव ढंग से आगे बढाया और संस्थागत बनाया जाएगा। यह भी कोशिश हो सकती है कि आज प्रेजेन्टेशन देने वाले समूहों को केन्द्र सरकार के संबंधित विभागों और मंत्रालयों के साथ संबध किया जाए। उन्होंने पद्म पुरस्कार का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह अब तक समाज मे अनजान बने रहे हीरो को पहचान प्रदान करने के लिए प्रक्रियाओं को किस प्रकार दुरूस्त किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों की टीम लोगों की बेहतरी के लिए नये उपाय और तौर तरीके खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने संबंधित समूहों में अपने विचारों को जारी रखने के लिए उद्मियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यदि वे ऐसा करते है तो इससे सुशासन के उद्देश्य को आगे बढाने में काफी मदद मिल सकती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अनेक छोटी पहलें की गयी है जिनके उल्लेखनीय परिणाम सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों के स्वंय सत्यापन करने के माध्यम से आम आदमी पर विश्वास करना ऐसी ही एक पहल है। उन्होंने केन्द्र सरकार में समूह ग और ख के पदों के लिए Interview समाप्त किये जाने का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने समाज में अच्छे अध्यापकों के महत्व पर जोर डाला। उन्होंने कहा शिक्षा की गुणवत्ता में प्रौद्योगिकी बडी तेजी से सुधार ला सकती है।

इस अवसर पर अनेक केन्द्रीय मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया और केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित थे। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत द्वारा इस कार्यक्रम का समन्वय किया गया।

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