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चंडीगढ़। ऐसे पुख्‍ता संकेत मिले हैं कि भारत में ब्लू व्हेल गेम द्वारा के पीछे विदेशी आतंकवादी संगठन हैं। इन संगठनों का टारगेट भारतीय युवा एवं बच्चे हैं। इस गेम के जरिए आतंकी संगठन बच्चों एवं युवाओं को अपने शिकंजे में ले रहे हैं। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस गेम को चलाने वाले को कोई आर्थिक लाभ नहीं है। यह एक तरह से यह आतंकी घटना को अंजाम देने जैसा है। बताया जाता है कि सरकार की ओर से रसर्ट इन एजेंसी का गठन किया गया है जोकि ब्लू व्हेल पर बारीकी से काम कर रही है। पंचकूला पुलिस ने रसर्ट इन के एक्सपर्ट से संपर्क कर इस ओर में पता लगाने की कोशिश की है। प‍ुलिस को जानकारी मिली कि किसी भी ब्लू व्हेल गेम में भारत का कोई एडमिन नहीं है।

जांच में पता चला है कि बाहर के देश से भारतीय युवाओं एवं बच्चों के वाट्सएप ग्रुप पर इसके लिंक ट्रांसफर किए जा रहे हैं। इसे ओपन करते ही यह आतंकवादी एडमिन युवाओं और बच्चों का माइंड अपने कंट्रोल में करते हैं और उसके बाद उससे विभिन्न टास्क करवाकर उसे मौत के मुंह में धकेल देते हैं। भारत में कोई भी यह खेल खिलाने वाला नहीं मिल पाया है। पंचकूला पुलिस द्वारा करण ठाकुर एवं अन्य छात्रों से रिकवर किए गए मोबाइल फोनों को आइटी एक्सपर्ट के पास गेम को रिकवर करने के लिए भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। शुक्रवार को रिपोर्ट पुलिस के पास पहुंचने की संभावना है। आइटी एक्सपर्ट रिकवर करने के लिए जुटे हुए हैं। ब्‍लू व्हेल के शिकंजे में पंचकूला में लगभग 10 युवा एवं बच्चे ऐसे हैं जोकि विभिन्न गेम के विभिन्न टास्कों पर पहुंच चुके हैं। पुलिस कोशिश कर रही है कि बच्चे एवं युवा की गतिविधियों पर उनके अभिभावक एवं दोस्त नजर रखकर तुरंत पुलिस को सूचित करें।

उसके बाद पुलिस उससे प्यार से जानकारी जुटाने की कोशिश करेगी। पुलिस केवल प्यार से ही ब्लू व्हेल के जरिए छिपे आतंकवादी संगठन तक पहुंचाना चाहती है क्योंकि यदि किसी के साथ भी जबरदस्ती की, तो वह जानकारी नहीं देगा। चंडीगढ़ के सेक्‍टर आठ स्थ्‍ि‍ात डीएवी स्‍कूल के कई बच्चे ब्लू व्हेल गेम के शिकंजे में है। पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि इस स्कूल में ब्लू व्हेल गेम ने काफी छात्रों को अपने शिकंजे में ले रखा है। मीडिया में खबरें आने के बाद अब बच्चे कोई खुलासा करने से डर रहे हैं। कुछ बच्चों ने अपने मोबाइल फोन से गेम को डिलीट भी कर दिया है। लगभग एक माह पूर्व सेक्टर-19 में एक युवक तीसरी मंजिल से कूद गया था। वह अभी भी अस्पताल में भर्ती है। इस युवक से पंचकूला पुलिस ने दोबारा पूछताछ करनी शुरू कर दी है। हालांकि अभी उससे कोई खास इनपुट नहीं मिला है, लेकिन उसके मोबाइल फोन से भी जांच कर रहे हैं।

आतंकवादी संगठन बच्चों को सुबह उठाता है और फिर टारगेट बनाता है। पुलिस के अनुसार यदि आपका बच्चा सुबह साढ़े चार बजे उठकर नहाकर तैयार हो जाए तो आप अलर्ट हाे जाएं। पुलिस के अनुसार, यह लिंक एक युवा एवं बच्चे से दूसरे को ट्रांसफर किया जा रहा है। वाट्सएप, इंस्टाग्राम या किसी अन्य तरीके से यह लिंक एक बार आ जाता है तो उसमें कहा जाता है कि यह लिंक अपने खास दोस्त को भेजें। इसके बाद बच्चे जोश में आकर वह लिंक ले लेते हैं। इसे चैलेंज के तौर पर दिया जा रहा है।

पंचकूला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने बताया कि यह एक तरह से आतंकवादी संगठन की तरह ब्लू व्हेल काम कर रही है। भारत सरकार की रसर्ट इन एजेंसी से इनपुट मिले हैं कि विदेश से कोई इस गेम को चला रहा है। इसमें कोई भारतीय नहीं है। इसलिए हम गेम के जरिए इसके एडमिन तक पहुंचने की कोशिश में हैं। साथ ही गेम की गिरफ्त में आए बच्चों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

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