labour law

जयपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने प्रदेश सरकार से मांग की कि सरकार के मंत्रियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कर्मचारी नेताओं पर किए जा रहे हमले बंद करें। सरकार प्रशासनिक तंत्र को व्यवस्थित करने के बजाय कर्मचारी नेताओं पर मिथ्या आरोप लगाकार प्रताडि़त करने का प्रयास कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। महासंघ प्रदेशाध्यक्ष आयुदानसिंह कविया ने अपने वक्तव्य में कहा कि श्याम सिंह प्रदेशाध्यक्ष एवं बलदेव सिंह, जिलाध्यक्ष राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन को बिना किसी कारण के आदेशों की प्रतीक्षा में किया जाना राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा हताशा में किया गया निर्णय है। इस निर्णय से नर्सेज में भारी रोष है अब नर्सेज आंदोलन के लिए तैयार हैं। राजस्थान आवासन बोर्ड कर्मचारी संघ प्रदेशाध्यक्ष डा. ओ.पी. पूनिया पर एक महिला अधिकारी द्वारा मिथ्या एवं अर्नगल आरोप लगाकर इस आशय की पुष्टि की है कि आवासन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की गरज से कर्मचारी नेताओं को आरोपित कर मुद्दे से भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के शिक्षकों द्वारा आवासीय प्रशिक्षण शिविरों का लगातार बहिष्कार किया जा रहा है, परन्तु राज्य सरकार हठधर्मी बनी हुई है। राज्य सरकार ना तो शिक्षक प्रतिनिधियों से वार्ता आयोजित कर रही है एवं ना ही अव्यवहारिक निर्णय को वापस ले रही है। जिससे शिक्षक वर्ग में हताशा का वातावरण बना हुआ है। जबकि आवासीय प्रशिक्षण शिविरों से शिक्षकों एवं छात्रों को कोई लाभ प्रतीत नहीं होता है। महासंघ ने सरकार द्वारा कर्मचारी नेताओं पर किए जा रहे हमलों एवं शिक्षकों पर थौपे जा रहे अव्यवहारिक निर्णयों की निंदा की। साथ ही चेतावनी दी कि समय रहते प्रकरणों में न्यायोचित निर्णय नहीं किए गए तो मजबूरन महासंघ को हस्तक्षेप करना पड़ेगा।

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