नई दिल्ली। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वर्ष 2018-19 के आयकर निर्धारण को केंद्रीय सर्किल में ट्रांसफर करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
यह असेसमेंट आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है। संजय भंडारी को रॉबर्ट वाड्रा का करीबी बताया जाता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोनिया गांधी और प्रियंका की याचिका खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस मामले में हाई कोर्ट ने कहा था कि इनकम टैक्स विभाग ने नियमों के मुताबिक फैसला लिया है। सोनिया और प्रियंका ने अपने मामलों को सेंट्रल सर्किल में ट्रांसफर करने का इस आधार पर विरोध किया है कि उनका संजय भंडारी समूह के मामलों से कोई लेना-देना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने रॉबर्ड वाड्रा के नजदीकी संजय भंडारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामला वाड्रा की करीब 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति की खरीद से जुड़ा हुआ है। ईडी के मुताबिक लंदन की यह संपत्ति 12, ब्रायनस्टोन स्क्वायर में स्थित है। इस संपत्ति को संजय भंडारी ने 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में खरीदी थी और उसे 2010 में 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में ही बेच दी थी। जबकि भंडारी 65900 ब्रिटिश पाउंड इसके रेनोवेशन पर खर्च कर चुका है। इसका साफ मतलब है कि उस संपत्ति का असली मालिक भंडारी नहीं था, बल्कि रेनोवेशन का खर्च वाड्रा ने वहन किया था। इस मामले में वाड्रा ने अपनी सफाई में कोर्ट को बताया था कि इस केस के पीछे राजनीतिक वजह है।

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