Sonepat bomb blast shot dead in Tunda
जयपुर। हरियाणा के सोनीपत बम ब्लास्ट मामले में हरियाणा की जिला व सत्र न्यायालय ने बांग्लादेश से आतंकी प्रशिक्षण लेने वाले आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले में उसे सोमवार दोषी ठहराया था। आज मंगलवार को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। करीब बाइस साल पुराने सोनीपत बम ब्लास्ट में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। ये बम ब्लास्ट आतंकी टुण्डा ने ही किए। उसने बम प्लांट किए और बम बनाए भी। कोट4 न्यायाधीश सुशील गर्ग ने अब्दुल करीम टुंडा पर पचास हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, हरियाणा के सोनीपत में 28 दिसम्बर, 96 को बस स्टेण्ड के पास तराना सिनेमा घर और गीता भवन चौक के पास गुलशन मिष्ठान भंडार के पास बम रखे। पहले तराना सिनेमाघर में बम धमाका हुआ। इसके बाद गुलशन मिष्ठान भंडार के बाहर बम धमाका हुआ। दोनों धमाकों में एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर घायल हुए। परिवादी सज्जन सिंह की रिपोर्ट के आधार पर टुण्डा और उसके साथियों शकील व कामरान के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। इन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया। शकील व कामरान पूर्व में बरी हो चुके हैं। आतंकी टुण्डा को दोनों बम धमाकों में दोषी पाया गया है। आज कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
-बम बनाते समय धमाके में उड़ गया था हाथ
अब्दुल करीम टुंडा आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से पहले यूपी के पिलखुवा क्षेत्र में होम्योपैथिक की दुकान चलाता था। आतंकियों के सम्पर्क में आने पर उसने दुकान बंद कर दी और आतंकी गतिविधियों में लिप्त हो गया। वह बम बनाने में माहिर माना जाता था और नए लोगों को बम बनाने की तकनीक भी सिखाता था। एक बार बम बनाना सीखाते समय हाथ में ही बम फट गया और हाथ के आगे का पंजा उड़ गया। तब से उसे उसके साथी टुण्डा कहने लगे। टुण्डा आईएसआई, हूजी जैसे आतंकी संगठनों से जुडा रहा। वह दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद का भी खास रहा है। देश में दिल्ली, पानीपत, लुधियाना, कानपुर, वाराणसी जैसे शहरों में हुए बम धमाकों के पीछे उसका हाथ माना जाता रहा है।

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