– 35 उत्पादकों ने 135 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराने की दी सहमत
जयपुर। ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राज्य में आरईसी मैकेनिज्म के तहत स्थापित सोलर प्लांटों से 2 रुपये. 24 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद की जाएगी। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम की बोर्ड मीटिंग मेें यह जानकारी देते हुए डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य ऊर्जा विकास निगम द्वारा बिजली खरीद की दर तय करने के बाद बहुत कम समय में ही लगभग एक माह से भी कम समय में करीब 35 सोलर एनर्जी उत्पादकों ने 135 मेगवाट बिजली उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी है।
एसीएस एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि दिसंबर में आयोजित बोर्ड मीटिंग में रिन्यूवल एनर्जि सर्टिफिकेट मैकेनिज्म के तहत लगी सोलर व विण्ड यूनिटों से 2 रुपए 24 पैसे प्रतियूनिट सोलर एनर्जी व 2 रुपए 44 पैसे प्रति यूनिट विण्ड एनर्जी खरीद की दर तय की थी। उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2019 को आरईसी मैकेनिज्म के तहत लगे प्लांटों से बिजली खरीद की दर तय करने की लंबे समय से मांग की जा रही थी। उन्होंने बताया कि इससे सोलर व विण्ड बिजली उत्पादकों को उत्पादित बिजली का मूल्य मिल पाएगा वहीं प्रदेश में सस्ती बिजली की उपलब्धता भी बढ़ेगी। गौरतलब है कि प्रदेश में आरईसी मैकेनिज्म के तहत लगभग 620 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा हैं जिसमें से करीब 290 मेगवाट सोलर व विण्ड बिजली का उत्पादन बड़ी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल्दी ही आरईसी मैकेनिज्म के तहत कार्य कर रही अन्य इकाइयों से भी प्रदेश में निर्धारित दर पर बिजली उपलब्ध होने की सहमति मिलने की संभावना है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 37.80 मेगावाट के लगने वाले तीन बायोमास प्लांटों से बिजली खरीद के लिए पीपीए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीकर जिले के धोध में 14.90 मेगावाट, हनुमानगढ़ के भादरा के डूंगराना में 14.90 मेगावाट के और जोधपुर के शैतानसिंह नगर लोहावट में नेनो ग्रीन पॉवर 8 मेगावाट बायोमॉस से उत्पादित बिजली खरीद के पॉवर परचेज एग्रीमेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश में बायोमास आधारित विद्युत प्लांटों को प्रोत्साहन मिलेगा और इस क्षेत्र में नए निवेशक आएंगे।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बिजली खरीद व्यवस्था की साप्ताहिक विश्लेषण के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मासिक या त्रैमासिक विश्लेषण से सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सकते। जोधपुर से वर्चुअली जुड़े सीएमडी डिस्काम्स श्री भास्कर ए सावंत ने बताया कि नियमित मोनेटरिंग और समयवद्ध समीक्षा से बिजली कंपनियों की कार्यप्रणाली में सकारात्मक सुधार आया हैं वहीं समय पर नीतिगत निर्णय लेने से बिजली की उपलब्धता, मांग और आपूर्ति के गेप का दूर किया जा सका है। सावंत ने कहा कि राज्य में उत्पादित बिजली दिन में सरप्लस रहती है तो उसके प्रदेश में ही वैकल्पिक उपयोग किया जा सकता है।
गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी प्रदेश में डिस्काम्स की कार्यप्रणाली को चुस्त दुरुस्त करने और निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने पर बल देते रहे है। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा ने उत्पादन निगम के विद्युत गृहों में उत्पादकता, कोयले की उपलब्धता आदि से अवगत कराया।  बैठक में जयपुर डिस्काम के एमडी नवीन अरोड़ा, जोधपुर के एमडी अविनाश सिंघवी और अजमेर के एमडी वीएस भाटी से भी सुझाव लिए गए।  बैठक में ऊर्जा विकास निगम के निदेशक पीटी पीएस सक्सैना, वित्तीय सलाहकार गोपाल विजय, मुख्य अभियंता मुकेश बंसल सहित बोर्ड के सदस्योें ने हिस्सा लिया।

LEAVE A REPLY