जयपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने राजस्थान सरकार से आर-पार लडाई की रूपरेखा तैयार कर ली है। महासंघ के प्रदेषाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया ने बताया कि वर्तमान में राज्य में सत्तारूढ़ सरकार निष्ठुर, निर्दयी एवं कर्मचारी-मजदूर विरोधी है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिषें केन्द्र सरकार ने 01 जनवरी 2016 से लागु कर दी है परन्तु राज्य सरकार ने आज तक 7वें वेतन आयोग की सिफारिषें लागु करना अनिवार्य नहीं समझा है। महासंघ ज्ञापन,धरना, प्रदर्षन कर राज्य कर्मचारी, बोर्ड, निगम, स्वायत्तषाषी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन भत्तों को केन्द्र के अनुरूप लागु करने, पूर्व के वेतन आयोगो में रही विसंगतियों को दूर करने सहित 15 सूत्रीय मांग पत्र के लिए ध्यानाकर्षण करवाता रहा है परन्तु सरकार  ‘‘कान में तेल डालकर‘‘ सो रही है। बेरोजगारों को रोजगार के अवसर नहीं देने से पढा-लिखा युवक दर-दर भटकने को मजबूर है। वहीं कर्मचारियों की कमी से बेहतर डिलीवरी सिस्टम चरमरा गया है तथा कार्यरत कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ आ गया है, ऐसे हालात में भी कर्मचारी अपनी निष्ठा का परिचय देते हुए राज्य सेवा कर रहा है। कर्मचारियों पर सरकार एक के बाद एक हमले कर रही है, जिससे कर्मचारियों में गुस्सा फूट रहा है। वर्तमान सरकार की दमनकारी नीतियों को कर्मचारी वर्ग सहन नहीं करेगा व आर-पार की लडाई लडेगा। कविया ने यह भी बताया कि सरकार कर्मचारियों की शक्ति को नजर अंदाज नही करे, वरना इतिहास साक्षी है। प्रदेषाध्यक्ष कविया ने बताया कि महासंघ ‘‘अभी नहीं तो कभी नहीं‘‘ की अवधारणा के अनुसार संघर्ष की तैयारी कर चुका है। सरकार की नीतियों में बदलाव नहीं आया तो संघर्ष आम हडताल तक जायेगा एवं आम हडताल के लिए सम्पूर्ण प्रदेष में मतदान करवाया जावेगा।
आज आयोजित  संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के.के. गुप्ता, उपाध्यक्ष श्याम सिंह, मुरारी लाल पारीक, महावीर सिहाग, योगेन्द्र सिंह शेखावत, गिरीष कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि महासंघ ने सरकार से आर-पार की लडाई लडने की तैयारी कर ली है तथा संघर्ष अपने अन्तिम मुकाम तक जावेगा। सरकार के प्रति कर्मचारियों में नाराजगी मुखर होती जा रही है, इसको परवान चढाने के लिए महासंघ ने तहसील स्तर तक संघर्ष की योजना तैयार की है जिससे गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में बैठा कर्मचारी आंदोलन से जुडेगा एवं सरकार से दो-दो करने को तैयार होगा। प्रदेष महामंत्री तेजसिंह राठौड ने कहा कि संघर्ष की चिंगारी लग चुकी है, अब ज्वाला जलते व ज्वालामुखी बनतें देर नहीं लगेगी क्योंकि कर्मचारियों का संघर्ष में व्यापक समर्थन मिल रहा है। प्रदेष का आम मजदूर-कर्मचारी सरकार से त्रस्त है। सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते कर्मचारियों से संवाद कायम करें एवं कर्मचारियों की न्यायोचित मांगो का निराकरण करें अन्यथा आने वाले समय का सामना करने को तैयार रहे।
संयुक्त महामंत्री अर्जुन शर्मा व महावीर शर्मा ने कहा कि वर्तमान में व्यापारी, किसान, मजदूर, कर्मचारी, बेरोजगार सहित समस्त नागरिक परेषान है तथा सरकार इनकी जानबूझकर अनदेखी कर रही है, जिससे कर्मचारी आक्रोष चरम पर है। संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित वरिष्ठ नेताओं ने संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए कहा कि महासंघ ने आर-पार की रूपरेखा तैयार की है जिसमें सम्पूर्ण प्रदेष में कर्मचारी तक आंदोलन की ज्वाला पहंुचेगी। वर्तमान सरकार विभिन्न संवर्गों के द्वारा चलाये जा रहे आंदोलनों को नजर अंदाज कर रही है। नर्सेज द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन में संवादहीनता बना रखी है जो उचित नहीं है, यह सरकार की हठधर्मिता की पराकाष्ठा है।

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