– भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिया बड़ा संदेश
जयपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा नेताओं को बड़ा संदेश दिया है। प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र में नड्डा ने कहा कि हर किसी को एमएलए और एमपी बनने की चाहत है। मगर मेरा मानना है कि सभी को नेता बनना चाहिए। पद अपने आप मिल जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को हवा में उड़ने की वजह धरातल पर रहकर काम करने की नसीहत भी दी। अपने 35 मिनट के भाषण में नड्डा ने राज्य की गहलोत सरकार पर भी हमला बोला और कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, पेपर लीक हो रहे हैं, मगर सरकार में किसी की सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता जनता के बीच जाए और जन विरोधी नीतियों को लेकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को दो तिहाई बहुमत से जीत मिले।
उन्होंने प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों को को जीत का मंत्र दिया और कहा कि जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा जाए और खुद कम बोलें और जनता की ज्यादा सुने। उन्होंने पार्टी को केंद्र में रखकर काम करने की सभी नेताओं को सलाह दी।कार्यसमिति के मंच पर सभी बड़े नेताओं को बैठने की जगह दी गई। इस दौरान जेपी नड्डा के दोनों तरफ अरुण सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की सीट रिजर्व थी। मगर सिंह ने खुद की सीट पर वसुंधरा राजे को बैठा दिया। इसे भी एक राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
-गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सोमवार को राजनीति प्रस्ताव पास हुआ, जिसमें राजस्थान से गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रदेश में जंगलराज है और कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है। जहां केंद्र सरकार भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रही है, वहीं गहलोत सरकार राजस्थान को पीछे धकेलने का काम कर रही है। युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है, बार-बार पेपर लीक होने से युवा परेशान है। चौधरी ने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में तय किया गया है कि जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया जाएगा और सड़कों पर उतरा जाएगा। चौधरी ने कहा कि बलात्कार के मामले में आज राजस्थान देश में नंबर वन है। राजस्थान दंगों का राज्य कहलाने लगा है। किसानों का आज तक कर्ज माफ नहीं हो पाए और ना ही तेरे बिना रे को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है। विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में जो मूल बात आयी वह यह कि राजस्थान में असहाय मुख्यमंत्री राज कर रहा है। प्रशासन ठप है, 1 लाख से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। तुष्टिकरण की नीति सरकार अपना रही है। धर्मांतरण की बातें सामने आ रही हैं। विशेष समुदाय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। देवनानी ने मांग की है कि सरकार ने अब तक जो घोषणाएं की है, उसका श्वेत पत्र जारी किया जाए। ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्तओं को संकल्प दिलाया है कि जब तक राजस्थान में डबल इंजन की सरकार नही बनती तब तक चुप नहीं बैठेंगे। इन हालातों में राजस्थान में नवंबर से पहले चुनाव हो जाए तो बड़ी बात नहीं।

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