जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में साहित्यकार नरेन्द्र कोहली ने हिन्दी कवियों पर आपत्तिजनक बयान देकर आज फिर से माहौल में गरमाहट ला दी। कोहली ने तंज कसते हुए कहा कि हिन्दी के 90 फीसदी कवि वास्तव में कवि नहीं है। उन्हें लय, छंद, गीत-संगीत का ज्ञान नहीं है और वे कवि बनने चले हैं। इस कारण से ही मैं भी कवि नहीं बन सका। आलोचकों के उन्हें लेखक नहीं मानने के सवाल पर कोहली ने कहा, अगर मैं कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य होता तो सबसे बड़ा उपन्यासकार होता। लेकिन मैंने उनकी पार्टी को ज्वाइन नहीं किया। लेखक होने के लिए पंथी होना जरुरी नहीं है। आलोचकों ने मेरी साहित्यिक हत्या का प्रयास किया, लेकिन पाठकों को रोक नहीं पाए। कोहली ने यह भी कहा कि महाभारत में दानवीर कर्ण सबसे कू्रर और दुष्ट प्रवृत्ति का था। वह दुर्योधन, दुशासन और शकुनि की चौकडी में रहा।

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