छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने बुधवार को राजस्थान विधानसभा में तारांकित प्रश्न के जरिए जयपुर में बिना स्वीकृति बीयरबारों के संचालन और असंवैधानिक गतिविधि का मामला उठाया। उन्होंने आबकारी मंत्री से पुछा कि रेस्टोरेन्ट बीयरबार की लोकेशन मंजूरी के लिए क्या नियम है और माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश है कि बीयरबार को शराब का रिटेल आउटलेट मानते हुए लोकेशन के नियमों की पालना की जाएं। आबकारी मंत्री ने पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि रेस्टोरेंट बीयरबार खोलने पर कोई नियम लागू नहीं होता है। पॉलिसी के तहत विभाग केवल बीयरबार का लाईसेंस दे सकता है और जोधपुर हाईकोर्ट व डीबी के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कोई किसी तरह की पाबंदी नहीं है।
विधायक सिंघवी ने पूरक प्रश्न पुछा कि जिन बीयरबारों में शराब बनाने की मशीनरी पाई जाती है उनकों कंपाउण्ड़ करके छोड़ सकते हो क्या यह आपका नियम हो तो नियम टेबल कर दिया जाए। आबकारी मंत्री ने जवाब दिया नहीं। इस प्रकार का कोई प्रकरण सामने नहीं आया अगर अधिकारियों ने नियमों के खिलाफ कोई मामला कंपाउण्ड़ किया है तो निश्चित रूप से उसकी जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पुछा कि जो वर्ष 2021—22 की सूची दी है उसमें 11 ऐसे केस बने थे जिनको अनुज्ञा पत्र नहीं था फिर भी वो अवैध रूप से शराब बनाने के काम में पकड़े गए। यह वर्ष 2021 में सातवें—आठवें महिने का मामला है। क्या निर्णय करने में इतना अधिक समय लगता है। क्या प्रोसिजर है जो अनुज्ञा पत्र नहीं है और अवैध शराब बनाते हुए पकड़ा गया अब आपको क्या सबूत इकट्टे करने है जिसमें इतना विलंब हो रहा है। आबकारी मंत्री ने जवाब में कहा कि इस मामले में अनुसंधान लम्बित है जो निश्चित रूप से चिंता की बात है। मंत्री ने इस मामले का जल्दी से जल्दी समयबद्ध अनुसंधान करवाकर अपेक्षित कार्रवाई करने का भरोसा दिया।



























