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jaipur.जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय प्रदेश में संस्कृत महाविद्यालयों के साथ मिलकर संस्कृत भाषा के विकास के लिए ठोस योजना बना रहा है। कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने गुरुवार को प्रदेश के सभी शास्त्री और आचार्य महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ महत्वपूर्ण मीटिंग की। कुलपति डॉ. मौर्य ने प्राचार्यों से आठ बिंदुओं पर बात की।

विद्यार्थियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति, प्रवेश प्रक्रिया में आरक्षण, शिक्षकों की स्थिति, विकास शुल्क, विद्यार्थियों की अध्ययन एवं शोध स्थिति, नैक द्वारा मान्यता, सामाजिक उत्तरदायित्व और खेल दर्शन विषय को सब्सिडरी विषय के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल करने पर बात हुई।

संयोजक डॉ. राजधर मिश्र ने इसी शैक्षणिक सत्र में संस्कृत महाविद्यालय सांस्कृतिक महोत्सव, खेल प्रतियोगिता, फैकल्टी डवलपमेंट प्रोगांम, इंटरनेशलन संस्कृत कांफ्रेंस और संस्कृत यूथ फेस्टीवल करने जैसी योजनाओं की जानकारी दी। कुलसचिव सुरेश बुनकर ने 16 दिसंबर को विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह की जानकारी दी। उधर, छात्र कल्याण संकाय अधिष्ठाता डॉ. दिवाकर मिश्र ने बताया कि दूसरे दिन भी कुलपति ने दर्शन, साहित्य और शोध छात्रों से ‘सीधा संवाद’ किया।

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