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लोकसभा चुनाव में दिव्यांगजनों को उपलब्ध करवाई जाएंगी बेहतर आधारभूत सुविधाएं – अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी
जयपुर। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने कहा कि विधानसभा चुनाव-2018 में प्रदेश के करीब एक लाख दिव्यांग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की मदद के लिए विभाग द्वारा हरसंभव प्रयास किए जाएंगे, जिससे आगामी लोकसभा आम चुनाव-2019 में उन्हें मतदान के दौरान किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। डॉ. जोगाराम ने दिल्ली स्थित प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित एनएसीएई (नेशनल एडवाजरी कमेटी ऑन एक्सीसेबल इलेक्शन) की पहली बैठक में यह जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता कमेटी के चेयरमैन और उप चुनाव आयुक्त श्री चंद्रभूषण ने की। डॉ. जोगाराम ने कहा कि वर्ष 2018 की थीम ‘सुगम मतदान‘ थी। इसके मद्देनजर राज्य में दिव्यांगजनों को मतदान केंद्र तक लाने और उन्हें मतदान करवाने के प्रयास किए गए। यही वजह रही कि प्रदेश में करीब 1 लाख दिव्यांग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। कुछ जिलों में दिव्यांग मतदान का प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में बहुत ज्यादा रहा। अकेले चित्तौड़गढ़ में 92 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में भी विभाग ने 52 हजार मतदान केंद्रों से दिव्यांगजनों के लिए ‘पिक एंड ड्रॉप‘ सुविधा (घर से मतदान केंद्र और मतदान केंद्र से घर लाने की विशेष सुविधा) प्रदान की थी। सभी मतदान केंद्रों पर दिव्यांगजनों को प्राथमिकता से मतदान कराने के भी निर्देश दिए गए थे। इसके अलावा प्रत्येक मतदान केंद्र पर दिव्यांगजनों की मदद के लिए 2 स्काउट गाइड और एनएसएस सदस्यों को भी नियोजित किया गया। उन्होंने बताया कि एक मतदान केंद्र पर 10 से ज्यादा दिव्यांगजन होने पर 8 हजार 399 मतदान केंद्रों को चिन्हित किया गया और दिव्यांगजनों के लिए 12 हजार 245 व्हील चेयर्स का इंतजाम किया ताकि दिव्यांगजन बिना किसी दिक्कत के मतदान कर सकें। इन व्हीलचेयर्स के जरिए 8 लाख से ज्यादा मतदाताओं को मतदान करवाया गया, जिनमें बुजुर्ग मतदाता भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि मतदान दिवस पर ज्यादा से ज्यादा दिव्यांगजनों की भागीदारी रहे इसके लिए विभाग ने प्रदेश की सभी 200 विधानसभाओं में दिव्यांग मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया। इनके अलावा सभी मतदान केंद्रों पर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और स्वीप कार्यक्रमों के तहत प्रदेश भर के दिव्यांगजनों को जागरूक करने के लिए कई गतिविधियां भी करवाई। उन्होंने बैठक में विधानसभा चुनाव-2018 के दौरान राज्य में दिव्यांगजनों के किए नवाचारों के बारे में जानकारी देते हुए इस दौरान आने वाली व्यवहारिक परेशानियों और उनके समाधान के लिए मिले सुझावों को भी प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया।

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