नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति और कूटनीति ने असर दिखाना शुरु कर दिया है। केन्द्र सरकार की कूटनीति के चलते सऊदी अरब अमीरात (यूएई) ने भारत के सबसे बड़े भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम पर शिकंजा कसते हुए उसकी सम्पत्तियों को सीज कर दिया है। बताया जाता है कि करीब पन्द्रह हजार करोड़ रुपए की सम्पत्तियां सीज की गई है। ये सम्पत्तियां विभिन्न कंपनियों के नाम से तेल, ऊर्जा, निर्माण, गारमेंट, होटल व्यवसाय में संचालित है। यूएई की इस कार्रवाई को भारत सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। दाऊद इब्राहिम मुम्बई बम धमाकों में तो लिप्त था ही, साथ ही तस्करी, हवाला कारोबार, ड्रग्स माफिया और आतंकी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहा है। यूएई में दाऊद इब्राहिम व उसके रिश्तेदारों की कई कंपनियों में शेयर हैं और उसकी कई बेनामी संपत्ति भी है। इन सम्पत्तियों को सीज करने की पूरी कार्रवाई के पीछे भारत सरकार की सक्रियता रही। पिछले साल भारत सरकार ने यूएई सरकार को दाऊद से जुड़ी सम्पत्तियों की सूची सौंपी थी। जांच के बाद यूएई सरकार ने दाऊद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सम्पत्तियों को जब्त करना शुरु कर दिया है। दुबई में भी दाऊद की सम्पत्तियां जब्त हुई है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने आतंकी गतिविधियों में लिप्त दाऊद इब्राहिम से जुड़ी सम्पत्तियों, कारोबार के बारे में उन छह देशों को सूची दी गई थी, जहां वह कारोबार कर रहा था और कई कंपनियों में शेयरिंग कर रखी थी। मिडिल ईस्ट के देशों के अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, टर्की, साइप्रस और मोरक्को को दाऊद की सम्पत्तियों और कंपनियों के बारे में बताया है। उधर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार आतंकी दाऊद इब्राहिम को भारत लाने का प्रयास कर रही है। वह कैसे लाया जाएगा, उस बारे में खुलासा नहीं किया। संसद में भी गृहमंत्री राजनाथ सिंह बयान दे चुके हैं कि सरकार दाऊद को भारत लाएगी।

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