Nepal bans India, China border in view of elections

काठमांडू।प्रांतीय और संसदीय चुनाव के मद्देनजर नेपाल ने भारत और चीन के साथ लगती अपनी सीमा को बंद कर दिया है। नेपाल में प्रांतीय और संसदीय चुनाव दो चरणों 26 नवंबर और 7 दिसंबर को होने है। दो चरणों में होने वाले इस चुनाव में रविवार को उत्तरी प्रांत और 7 दिसंबर को दक्षिणी क्षेत्र और काठमांडू में मतदान होना है। चुनावों के मद्देनजर सुरक्षा बलों के 3,00,000 से अधिक जवानों को तैनात किया जाएगा। चुनाव के परिणाम दूसरे चरण के मतदान के कुछ दिन बाद आने का अनुमान है। नेपाल के पहले चुनाव को लेकर कई लोगों को उम्मीद है कि यह क्षेत्रीय विकास को गति देगा जबकि कुछ लोगों को डर है कि चुनाव से हिंसा का नया दौर शुरू हो सकता है।

इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है। साल 2015 में जब नेपाल ने नए संविधान को लागू किया था तो पूरा देश सात राज्यों में बंट गया था, जिसके बाद अधिकार और क्षेत्र को लेकर हुई हिंसा में दर्जनों लोग मारे गए। देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नबिंद्रा राज जोशी ने कहा, “हमने सालों के संघर्ष के बाद संविधान बनाया लेकिन यह काफी नहीं है। इसका सबसे जरुरी हिस्सा कार्यान्वयन है। यह चुनाव प्रांतीय प्रशासन का शुभारंभ करेगा जो हमारी उपलब्धियों को वास्तविकता में बदल देगा।” अधिकारियों के मुताबिक, भारत और नेपाल के बीच सीमापार प्रवेश बिंदुओं को आज से रविवार तक के लिए बंद किया गया है। इसके साथ ही 26 नवंबर को होने वाले चुनावों के पहले नेपाल-चीन सीमा में रासुवागढ़ी और किमथांका को आज मध्यरात्रि से 72 घंटों के लिए बंद कर दिया गया है। रासुवा के मुख्य जिला अधिकारी चोमेंद्र नेउपेन के मुताबिक यह कदम चुनाव से पहले अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील करने की अनिवार्य आवश्यकता के अनुरूप है। सीमाएं रविवार की आधी रात तक बंद रहेंगी।

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