रोहतक। दो साध्वियों से दुष्कर्म केस में दोषी करार किए गए सच्चा डेरा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसां को सजा सुनाए जाने से पहले हिंसा की एक घटना सिरसा से आई है। सिरसा में बाबा राम रहीम के समर्थक उग्र हो गए हैं और इनमें कुछ हिंसा पर उतारु हो गए हैं। सिरसा में सच्चा सौदा डेरा का मुख्यालय है।
उसमें हजारों बाबा समर्थक भक्त कई दिनों से ठहरे हुए हैं। आश्रम के बाहर हजारों पुलिसकर्मी, जवान और सेना के जवान मौजूद है। इसके बावजूद सिरसा में बाबा समर्थक हिंसा पर उतारु हो गए। वे हिंसा पर उतरते हुए गाड़ियों को फूंक दिया। यह घटना तब हो रही है, जब सिरसा में कर्फ्यू है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स और भारतीय सेना के जवान है। ऐसे में डर है कि बाबा राम रहीम को सजा के बिन्दु पर फैसला देते ही कहीं पहले की तरह हिंसा ना हो जाए। इसे देखते हुए सीएम हरियाणा मनोहर लाल खट्टर ने इमरजैंसी मीटिंग बुलाई है, जिसमें दंगाईयों को सख्ती से निपटने को कहा है।
गौरतलब है कि आज हिंसा से पहले सीबीआई कोर्ट जज जगदीप सिंह ने सुनवाई शुरु कर दी है। सजा सुनाए जाने से पहले जज जगदीप सिंह ने दोनों पक्षों से अपना पक्ष रखने को कहा। रोहतक की सिनगरिया जेल में चल रही सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जज जगदीप सिंह से कहा कि राम रहीम पर दुष्कर्म जैसा गंभीर आरोप है। दो साध्वियों के दुष्कर्म के आरोप साबित हो चुके हैं। राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई जाए। सजा दिए जाने में नरमी ना बरती जाए। दूसरी तरफ बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि बाबा राम रहीम परोपकारी संत है। समाज सुधार में अग्रणी कार्य किए हैं। यह पहला अपराध है। इसलिए सजा दिए जाने में नरमी बरती जाए। दोनों पक्षों की सुनवाई सुन ली है। जल्द ही जज सजा के बिन्दु पर फैसला देंगे।