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जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें बोर्ड निदेशक ने शिक्षकों और छात्रों पर पासबुक का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश संजीव प्रकाशन की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निदेशक ने गत 13 मार्च को एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि शिक्षक और छात्र पासबुक का उपयोग नहीं कर सकेंगे। छात्रों को पाठ्य पुस्तक से ही पढऩे के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा आदेश में यह भी निर्देश थे कि यदि कोई छात्र या शिक्षक पासबुक का उपयोग करेगा तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। याचिका में आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता विभिन्न विषयों के अध्ययन के लिए पासबुक का प्रकाशन करता है।

जिससे छात्रों को अध्ययन में सहायता रहती है। इसके अलावा कई अन्य प्रकाशक पाठ्यक्रम से संबंधित वन वीक सिरीज, गैस पेपर और कुंजी सहित अन्य पाठ्य सामग्री प्रकाशित करते हैं। इनका बोर्ड आदेश में कोई हवाला नहीं है। याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पासबुक पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत नहीं है। निदेशक के इस आदेश से याचिकाकर्ता का पासबुक प्रकाशन और व्यवसाय करने का अधिकार प्रभावित हो रहा है। ऐसे में निदेशक के आदेश को रद्द किया जाए।जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निदेशक के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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