Minister of State for Tourism (Independent Charge) Krishnandra Kaur Deepa
Minister of State for Tourism (Independent Charge) Krishnandra Kaur Deepa

जयपुर। पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का राज्य सरकार का सपना साकार हो रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में हुए नवाचारों से प्रदेश में  पर्यटकों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुई है। पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से विभिन्न परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके लिए वार्षिक बजट बढ़ाने के साथ ही निवेश संबंधी प्रावधानों को भी सरल बनाया गया है।

कौर राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर बुधवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में पर्यटन विभाग द्वारा किये गए विकास कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी दे रही थीं। कौर ने कहा कि राजस्थान की जीडीपी में ट्रेड, होटल और रेस्टोरेंट सेक्टर का योगदान लगभग 15 प्रतिशत है। पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए गत 4 सालों में 911.63 करोड़ रुपये के काम शुरू किए हैं। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं, प्रसाद और स्वदेश दर्शन के अन्तर्गत 389.34 करोड़ की 5 परियोजनाएं एवं राज्य की योजनाओं के अन्तर्गत 522.29 करोड़ रुपये की 173 परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों में विभाग द्वारा 470 पर्यटन इकाइयों को अनुमोदित किया गया। इन इकाइयों की अनुमानित लागत 5565 करोड़ रुपये है।

-पर्यटन के क्षेत्र में बढ़े रोजगार के अवसर
पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्त्वपूर्ण स्थान है, इसलिये प्रशिक्षण देकर युवाओं को इस क्षेत्र से जोड़ने की दिशा में भी तेजी से प्रयास किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन पर आधारित रोजगार सृजन की संभावनाओं को देखते हुए झालावाड़ एवं धौलपुर में राज्य होटल प्रबन्ध संस्थान तथा बारां में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना की जा रही है। इसके अतिरिक्त उदयपुर के फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट को राज्य होटल प्रबंध संस्थान में क्रमोन्नत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इन संस्थानों के राज्य में आने से पर्यटन व्यवसाय की आवश्यकताओं के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

-पर्यटन विकास के लिए मिले पुरस्कार और सम्मान
कौर ने बताया कि इस वर्ष राज्य को पर्यटन के क्षेत्र में कई पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को सितम्बर 2017 में राष्ट्रपति महोदय के हाथों कॉम्प्रिहेन्सिव डेवलपमेंट ऑफ टूरिज्म के क्षेत्र में बेस्ट स्टेट का द्वितीय पुरस्कार एवं बेस्ट टूरिज्म फिल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त वल्र्ड ट्रेवल एण्ड टूरिज्म काउन्सिल द्वारा आउटस्टेंडिंग मार्केटिंग इनोवेशन के लिए प्रदेश को सम्मानित किया गया है। साथ ही ‘‘बेस्ट वेडिंग डेस्टिनेशन इन इण्डिया’’ केटेगिरी के लिये ट्रेवल प्लस इण्डिया अवार्ड एवं ‘‘फेवरेट लीजर डेस्टीनेशन इन इंडिया’’ केटेगिरी के लिए उदयपुर को रनरअप घोषित किया गया है। कौर ने बताया कि प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में एवं यहां के विभिन्न उत्पादों को गत 4 सालों में कुल 40 अवार्ड, रैंकिंग या सम्मान प्राप्त हुए हैं।

-राजस्थान पर्यटन इकाई नीत
पर्यटन राज्यमंत्री ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और अधिक से अधिक होटल एवं पर्यटन इकाइयां संचालित करने के लिए निवेश सम्बन्धित प्रावधानों को सरल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जून 2015 में राजस्थान पर्यटन इकाई नीति, 2015 जारी की गई है। कौर ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान कायम करे इसके लिए पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ साथ राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सुनियोजित विपणन नीति के तहत व्यापक प्रचार-प्रसार की योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार, निजी क्षेत्र के साथ अन्तरराष्ट्रीय ट्रेवल मार्ट में भाग लेना, पर्यटन पर्व, शिल्पग्राम का संचालन, ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार एवं पर्यटन स्थलों पर विकास कार्यों के जरिये पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है।

-2016 में बढ़े 17.31 प्रतिशत पर्यटक
कौर ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के कारण गत दो वर्षों में पर्यटकों की संख्या में आशातीत बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2015 में जहां देशी विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि 5.96 प्रतिशत थी, वहीं 2016 में यह 17.31 हो गई। वर्ष 2017 में सितम्बर माह तक के आँकड़ों के अनुसार यह वृद्धि 8.48 प्रतिशत है।
कौर ने कहा कि राजस्थान को देश में ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया में एक आकर्षक एवं लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये राज्य सरकार कटिबद्ध है एवं इसके लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।

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