– जयपुर के विद्याश्रम स्कूल के महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में प्रोटेक्टिंग द आईडिया ऑफ इंडिया- ए टॉक बाय पवन खेड़ा
कार्यक्रम में बोले पवन खेड़ा
जयपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी अकेले संघ से लड़ रहे हैं। वो पार्टी में जो सुधार करना चाहते हैं। जो सिर्फ वही कर सकते हैं। पार्टी को उनका साथ देना ही होगा। उन्होंने कहा मुझे तो लगता है कि हमारी पार्टी के ही कुछ लोग विपक्ष से मिले हुए हैं। खेड़ा ने कहा कांग्रेस को कुछ मुद्दों पर समाज का राजनीतिकरण करना होगा। क्योंकि यह पहली बार है कि सरकार मुद्दों पर समाज का राजनीतिकरण कर रही है। कांग्रेस की परेशानी यह है कि वह अपने सत्य को उतने जोर से नहीं बता पाती, जितनी जोर से बीजेपी और संघ अपने झूठ को बोलते हैं। खेड़ा ने कहा भारत अकेला देश है जिसमें नेहरू के लिए बेहद अपनानजक बोल मोदी बोलते हैं। वरना अमेरिका में किसकी हिम्मत है जो वाशिंगटन के लिए गंदे शब्द बोल दें या अफ्रीका में मंडेला के खिलाफ बोल दें। यह सिर्फ हिंदुस्तान में होता है क्योंकि कांग्रेसी चुप रहते हैं। खेड़ा ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि नागपुर की समझ कम है। क्योंकि वह देश पर नासमझी थोपना चाहते हैं। संघ की विचारधारा के खिलाफ ही हमारी लड़ाई है।
– हिन्दुत्व सॉफ्ट ही है
जयपुर के विद्याश्रम स्कूल के महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में ‘ प्रोटेक्टिंग द आईडिया ऑफ इंडिया- ए टॉक बाय पवन खेड़ा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा इस देश में हर काल में राज्यों ने अपनी-अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश की है। आज भी वही हो रहा है। इस देश में बीच का रास्ता ही इकलौता रास्ता है। देश में अतिरंजित विचारधारा ना पहले कभी चल पाई है और ना आगे कभी चलेगी। खेड़ा ने कहा कांग्रेस पर सॉफ्ट हिंदुत्व के आरोप लगते हैं। जबकि हिंदुत्व होता ही सॉफ्ट है। देश में जब इतनी संस्कृति और धर्म होंगे, तो विवाद भी होते हैं,लेकिन इन विवादों को संवाद से ही निपटाया जा सकता है।
– संघ की विचारधारा थोपने के खिलाफ हमारी लड़ाई है
पवन खेड़ा ने कहा आइडिया ऑफ इंडिया एक लगातार विचार है। जो हर धर्म से बड़ा है,क्योंकि यह देश हर धर्म से कुछ न कुछ लेकर ही आगे बढ़ा है और बढ़ रहा है। अगर इसे वास्तविक रूप में देखना हो तो जयपुर की गलियों में घूमकर आसानी से देखा और समझा जा सकता है। लेकिन मौजूदा दौर में आयडिया ऑफ इंडिया को खतरे से इंकार भी नहीं किया जा सकता।विवेकानंद ने शिकागो में जिस हिंदू धर्म की व्याख्या की थी, वो मूल रूप से इस देश की विचारधारा है। खेड़ा ने कहा नागपुर की समझ कम है। वो देश पर नासमझी थोपना चाहते हैं। इस देश को यह स्वीकार नहीं होगा। सत्ता में आने से कोई भाषा और खान-पान नहीं थोप सकता है। दक्षिणी भारत में इस विचारधारा की कोई जगह नहीं है। नॉर्थ-ईस्ट में कोई अस्तित्व ही नहीं है। संघ की थोपने की इसी विचारधारा के खिलाफ हमारी लड़ाई है। 90 के दशक में अगर हमारे नेतृत्व ने मजबूती से काम लिया होता, तो आज यह मजबूत नहीं होते। धर्म का सरकार में कोई दखल नहीं होना ही सेक्युलर होना है। हर व्यक्ति और नेता के लिए सेक्युलर अलग है।

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