murdered

जयपुर। प्रतापनगर थाना इलाके में अवैध संबंधों में बाधा बनी 6 माह की गर्भवती धर्मपत्नी सागर देवी की नृशंस हत्या करने के मामले में पति महेन्द्र कुमार मेहरा निवासी गांव खरखडा देवरान, ख्ोतडी-झुझुनूं हाल आश्रय बॉयज हॉस्टल, जगतपुरा को महिला उत्पीडन मामलों की विश्ोष अदालत क्रम-1 में जज मीना अवस्थी की कोर्ट ने आजीवन कारावास एवं 25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।

मामले में दूषित अनुसंधान कर सागर देवी की मौत का कारण 9 वीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या बताने वाले जांच अधिकारी सूर्यवीरसिंह राठौड के संबंध में कोर्ट ने आदेश में कहा है कि अनुसंधान में छोडी गई कमियों का फायदा मुल्जिम को नहीं दिया जा सकता। आईओ ने जानबुझकर कमियां छोडी है। इस मामले में पुत्र-पुत्री सहित अन्य गवाह कोर्ट में पक्षद्रोही हो गये। पुलिस जांच एवं ट्रायल के दौरान पति को धारा 3०6 आत्महत्या के लिए मजबूर का ही आरोपी माना गया। लेकिन डॉक्टरों ने सागर देवी के आई 15 चोटों को गिरने से आना असंभव बताया। सागर देवी का पोस्टमार्टम नहीं करवा कर पति शव को गांव ले गया।

सूचना पर पहुंचे मृतका के बडे भाई राकेश मेहरा ने ख्ोतडी थाने में 28 फरवरी, 2०15 को एफआईआर दर्ज करवाई थी। राकेश ने हॉस्टल में कर्मचारी अनिता एवं महेन्द्र पर हत्या करने का आरोप लगाया था। पुत्र-पुत्री के पिता को बचाने के लिए झुठे बयान देने पर भी कोर्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण को दोनों को प्रतिकर स्कीम में मुआवजा देने एवं जिला कलक्टर को पालनहार योजना सहित अनाथ बच्चों को दी जाने वाली सुविधायें उपलब्ध कराने के आदेश दिये है। अभियुक्त हॉस्टल में मैस चलाता था।

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