NTPC boiler explosion incident

नई दिल्ली: रायबरेली जिले में ऊंचाहार स्थित राष्ट्रीय तापीय विद्युत निगम (एनटीपीसी) के संयंत्र में बायलर फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गयी है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस हादसे का स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी करके विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डी के सिंह ने बताया कि ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी के 500 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र का बॉयलर कल शाम फट जाने से अब तक 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे में घायल 63 लोगों का जिला अस्पताल तथा लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीम अब भी दुर्घटनास्थल पर खोजबीन कर रही है। माना जा रहा है कि मलबे में अभी कुछ और शव दबे हो सकते हैं।

एनटीपीसी ने मृतकों के परिजन को 20-20 लाख, गम्भीर रूप से घायलों को 10-10 लाख तथा मामूली रूप से घायल लोगों को दो-दो लाख रुपये की सहायता का एलान किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।

इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हादसे का स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आज नोटिस जारी करके छह सप्ताह में जवाब मांगा। आयोग ने रायबरेली के ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी के बिजली संयंत्र का बायलर फटने से कम से कम 28 लोगों की मौत की मीडिया रपटों का स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव के जरिये राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उंचाहार हादसे पर शोक जताया है। राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया है, ‘‘रायबरेली पावरप्लांट के हादसे से गहरा दुख हुआ है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं। सरकार घायलों की सहायता कर रही है—राष्ट्रपति कोविन्द।’’ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां एनटीपीसी चिकित्सालय समेत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हादसे के घायलों का हाल लिया। कुछ लोगों द्वारा यह बताने पर कि इस संयंत्र को तीन साल में शुरू होना था, मगर इसे अधूरी तैयारी के साथ ढाई साल के अंदर ही शुरू कर दिया गया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम जांच की मांग करेंगे। ये लोग कह रहे हैं कि इसको (संयंत्र) जल्दी चला दिया….चलाना नहीं चाहिये था।’’ सपा के वरिष्ठ नेता अहमद हसन ने लखनऊ में भर्ती घायलों का हाल लेने के बाद इसे बेहद दुखद घटना करार दिया। उन्होंने मांग की कि इस गम्भीर घटना की जांच उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से करायी जाए। साथ ही हर मृतक परिवार को 50-50 लाख रुपये, घायलों को 10-10 लाख तथा सरकारी नौकरी दी जाए।

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