नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपए के नोटबंदी के फैसले पर विरोध बढ़ता जा रहा है। विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में तो अपने तीखे तेवरों से केन्द्र सरकार को कठघरे में कर रखा है, वहीं सड़क पर भी विपक्षी दल उतारने की तैयारी में है। गुरुवार को नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी की एक रैली में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुछ ऐसे ही तेवर दिखाए हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल और ममता बनर्जी ने चेतावनी के लहजे में कहा, कि नोटबंदी से गरीब, किसान और आम जनता खासी परेशान है। इन्होंने चेताया कि केन्द्र सरकार तीन दिन के अंदर नोटबंदी का फैसला वापस लें नहीं तो अब आर-पार की लड़ाई होगी।
एटीएम में पैसा नहीं मिलता, आने-जाने व सामान खरीदने में दिक्कत है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें बीजेपी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए नोट बंद किए जाने के कदम को एक विशेष राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से देश के साथ धोखा करार दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला निकाला था। मार्च में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना, उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और आम आदमी पार्टी शामिल हुई।
– दिल्ली के श्रममंत्री मिलेंगे जनता, किसान और व्यापारियों से
दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने भी कहा कि 500 एवं 1000 रुपए के नोट बंद करने के मामले पर ध्यान केंद्रित करने के लिए व्यापारियों, किसानों एवं श्रमिकों के साथ बैठक करेंगे। होगी। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब एक दिन पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की थी कि वे केंद्र को नोटों को चलन से बाहर करने का कदम वापस लेने का निर्देश दें। उन्होंने नोटों को चलन से बाहर करने के कदम की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की भी मांग की।