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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस विभाग को अभियान चलाकर आमजन को पुलिस थाने में शिकायत लेकर पहुंचने पर उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस संगठित अपराध करने वालों के खिलाफ विशेष रणनीति बनाकर कड़ी एवं त्वरित कार्रवाई करे, ताकि आम लोग सुरक्षित महसूस कर सकें। गहलोत ने शुक्रवार को गृह विभाग एवं पुलिस अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता के बीच पुलिस छवि को सुधारने और अपराधियों में कानून का भय पैदा करने के लिए यह आवश्यक है कि आम लोगों को पुलिस से संबंधित अपने अधिकारों की जानकारी हो और लोग थाने में पहुंचने पर उनका इस्तेमाल कर सकें। इसके लिए सभी थानों में सूचना पट्ट पर जानकारियां आवश्यक रूप से प्रदर्शित की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां राज्य सरकार ने थाने में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, पुलिस स्टेशन में थानाधिकारी के आनाकानी करने पर जिला पुलिस अधीक्षक को एफआईआर दर्ज करने के लिए पाबंद किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे दर्ज होने वाले प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन फरियादी का अधिकार सुनिश्चित और सुरक्षित हो रहा है।
अधिकारियों ने अवगत करवाया कि 31 अगस्त तक प्रदेशभर में 63 मामलों में जिला पुलिस अधीक्षक स्तर पर एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं और एफआईआर पंजीकरण की संख्या में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इस पर श्री गहलोत ने लापरवाही करने वाले थाना अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि आम आदमी को यह महसूस होना चाहिए कि राजस्थान पुलिस में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को संगठित अपराध के विरूद्ध योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही कर अपराधी गिरोहों का खात्मा करने के निर्देश दिए।

गहलोत ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए सभी थानों में पदस्थापित पुलिस अधिकारियों के बारे में जानकारी ली। साथ ही, महिला उत्पीड़न से जुडे़ कानूनों के प्रति आम महिलाओं और छात्राओं के बीच पुलिस एवं अन्य विभागों द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान तथा सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने सभी थानों में आगंतुको के लिए स्वागत कक्ष तैयार करने के पूर्व में दिए गए निर्देश की पालना की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि जिन पुलिस थानों में नए भवन निर्माणाधीन हैं, वहां स्वागत कक्ष के लिए अलग से चार करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत कर दी गई हैै। इस पर मुख्यमंत्री ने आगामी 6 माह में प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सांसद अथवा विधायक कोष सहित स्थानीय स्तर पर बजट की व्यवस्था की जा सकती है।
गहलोत ने निर्देश दिए कि पुलिस से जुड़ी विभिन्न सूचनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए विभाग को जन सूचना पोर्टल से जोड़ा जाए। साथ ही, पुलिस विभाग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नियमित रूप से सूचनाएं और जानकारियां अपडेट करें। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह यादव तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।

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