नई दिल्ली। खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन (केवीआईसी) की डायरी और कलेण्डर में महात्मा गांधी के बजाय इस बार पीएम नरेन्द्र मोदी की फोटो के सामने के बाद से ही विवाद बढ़ता जा रहा है। इस पर केवीआईसी के कर्मचारियों ने मौन व्रत करके विरोध जताया था तो अब महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि वक्त आ गया है कि बापू अब केवीआईसी को राम-राम कह दें। तुषार गांधी का कहना है कि यूं भी केवीआईसी ने खादी और बापू दोनों की विरासत को कमजोर ही किया है। पीएम मोदी को चाहिए कि वो इस कमीशन को निरस्त कर दें।
तुषार गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी को 10 लाख के सूट पसंद हैं और शायद खादी भी गरीबों की पहुंच से बाहर हो गई है। तुषार ने यह भी कहा कि यह उनकी नाराजगी नहीं बल्कि दर्द है। जो लोग बापू के कातिल के हिमायती हैं, उनके बारे में वो कुछ भी नहीं कहना चाहते। उनकी राय में स्वाधीनता संग्राम में कोई योगदान ना करने वाले लोग खादी की अहमियत नहीं समझ सकते। गौरतलब है कि केवीआईसी के इस साल की डायरी और कलेण्डर महात्मा गांधी की तस्वीर (चरखा चलाते हुए) में पीएम मोदी नजर आए हैं। पीएम मोदी फोटो में कुर्ते, पजामे और जैकेट में है। जो चरखा दिखाया है, वो भी आधुनिक है। इस तस्वीर को देखकर केवीआईसी के कई कर्मचारियों ने इसे राष्ट्रपिता का अपमान मानते हुए मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध भी जताया। उधर, केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि पीएम मोदी की इस तस्वीर में कुछ गलत नहीं है। पूरा खादी उद्योग गांधीजी के आदर्शों पर आधारित है। उन्हें नजरअंदाज करने का सवाल नहीं उठता। पीएम मोदी भी लंबे वक्त से खादी पहनते आ रहे हैं और इसे लोकप्रिय बनाने में उनका भी योगदान है।

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