जयपुर. राजस्थान में आज धूमधाम से गणगौर मनाई जा रही है। जगह-जगह गणगौर मां की सवारी निकाली। जयपुर, जोधपुर में पारंपरिक तरीके से पर्व मनाया.  इसमें सबसे खास है जयपुर में गणगौर की सवारी। जयपुर के पूर्व राजपरिवार के निवास से गणगौर माता की सवाली निकाली गई। त्रिपोलिया गेट पर पूर्व राजपरिवार के मुखिया पद्मनाभ सिंह ने गणगौर सवारी की अगवानी की। वहीं, जोधपुर में 2.5 करोड़ (4 किलो सोने) के गहने पहनकर गवर माता की शोभायात्रा निकाली गई। राजसी ठाठ से निकलने वाली इस सवारी को देखने के लिए विदेशी सैलानियों में खासा उत्साह दिखा। दुनियाभर के अलग-अलग देशों से लोग सिर्फ जयपुर की गणगौर की सवारी देखने आए हैं। विदेशी मेहमानों के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने स्थित हिंद होटल की छत पर खास मेहमानों के लिए इंतजाम किए गए। विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया, विदेशी सैलानियों के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने स्थित हिंद होटल की छत पर इंतजाम किए गए। यहां पर वीआईपी लॉउंज में पर्यटकों के लिए जयपुर के घेवर भी उपलब्ध करवाए गए। प्रदेश भर से 100 से अधिक लोक कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इनमें कच्ची घोड़ी, मयूर नृत्य, अलगोजावादक, कालबेलिया नृतकों के समूह, बहुरुपिया कलाकार, मांगणियार और तेरहताली की प्रस्तुतियां टूरिस्ट्स को सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली थीं। शोभायात्रा में पारंपरिक तोप धारक वाहन, सजे हुए रथ, सजे-धजे घोड़े और ऊंटों का लवाजमा शामिल हुआ। गणगौर की सवारी के अंत में ढाल धारी चोबदार और पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं चलती नजर आईं। राजस्थानी परंपरागत नृत्य और कच्छी घोड़ी, कालबेलिया नृत्य बहुरुपिया कला, गेर और चकरी सहित अन्य मनोरंजक कार्यक्रम स्थानीय श्रद्धालुओं और देशी-विदेशी पावणों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।

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