जयपुर. नगर निगम जयपुर हेरिटेज की साधारण सभा बुधवार को विधायकों के हंगामे की भेंट चढ़ गई। सिविल लाइंस से बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा और आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान के बीच सभा की बैठक में बहस हो गई। इसके बाद कांग्रेसी पार्षद विधायक गोपाल शर्मा को पीटने के लिए आगे बढ़े। हालांकि भाजपा पार्षद बीच बचाव करने पहुंच गए। कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध खत्म नहीं किया। कांग्रेस और भाजपा पार्षद आपस में भिड़ गए। हाथापाई की नौबत तक आ गई। इसके बाद साधारण सभा की बैठक को स्थगित करना पड़ा। गोपाल शर्मा ने कहा- वैसे भी जयपुर में आम लोगों के लिए दो तरह के कानून बने हुए हैं। कुछ लोग हेलमेट तक नहीं लगाते हैं। उन लोगों की अवैध मीट की दुकान भी चलती रहेगी। ये लोग जब चाहे तब सड़क को रोक सकते हैं। ये चाहे जहां हटवाड़ा लगा सकते हैं। इसलिए मैंने कहा था जयपुर को मिनी पाकिस्तान नहीं बनने दूंगा। मैंने विकास की दृष्टि को लेकर यह बयान दिया था। क्योंकि पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में मेरे बयान को धार्मिक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। विधायक गोपाल शर्मा ने कहा- आज साधारण सभा की बैठक में रफीक खान ने राष्ट्रगान का अपमान किया है। जिस समय ‘जन गण मन…’ हो रहा था। उस समय उन्होंने साउंड सिस्टम का तार निकाल दिया। जो राष्ट्रगान का अपमान है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। इस अपराध में रफीक खान को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कांग्रेसी पार्षदों द्वारा हमले के सवाल पर गोपाल शर्मा ने कहा- जिस देश में आपातकाल हो चुका है। जिस देश में तंदूर कांड जैसी घटनाएं हुई हैं। जिसे करने वाले भी कांग्रेस के लोग थे। इन लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है। लेकिन, उसका बाल बांका नहीं हो सकता है, जिसका प्रभु रक्षक होता है। गोपाल शर्मा ने कहा- भारतीय जनता पार्टी का मेयर मुनेश गुर्जर को लेकर जो भी स्टैंड होगा, वह जल्द सार्वजनिक किया जाएगा। हम लोग इंडिविजुअल नहीं हैं। हमारी पूरी पार्टी इस पर मिल-बैठकर फैसला करेगी। आज भी कांग्रेसी विधायक आए और पार्षदों से साइन करवाने लग गए। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी में ऐसा नहीं होता है। गोपाल शर्मा ने कहा- आज साधारण सभा की बैठक में मैं यही चाहता था कि कानूनी नियम के तहत सदन चले। जब तक रफीक खान ने संबोधन नहीं दिया था। तब तक बहुत शांतिप्रिय माहौल था। कांग्रेस के तीनों विधायकों ने आते ही साधारण सभा की बैठक में खलल डालना शुरू कर दिया। तीनों षड्यंत्र के तहत एक साथ नगर निगम पहुंचे थे। इसके बाद रफीक खान ने नगर निगम के अधिकारियों की दुर्गति करने की बात कही। जिस पर उन्हें शर्म आनी चाहिए। शर्मा ने कहा- रफीक खान मेरे लिए बोल रहे थे कि मैं पत्रकारिता से आया हूं। मुझे कुछ ज्ञान नहीं है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि जब से वह राजनीति में नहीं आए हैं, तब से मैं विधानसभा कवर कर रहा हूं। मैं उनसे ज्यादा वोटों से जीता हूं। उनसे ज्यादा मजबूत कैंडिडेट ने मेरे खिलाफ चुनाव लड़ा था। इसलिए पत्रकार को इतना कमजोर समझना ठीक नहीं है। इससे पहले साधारण सभा को संबोधित करते हुए विधायक गोपाल शर्मा ने कहा था कि संकट के समय कांग्रेस और बीजेपी सभी के पार्षद एक हैं। सदन हमेशा बहुमत से चलता है। मेरा निवेदन है, विरोध भी कानून के जरिए होना चाहिए। हम मेयर को बहुमत के आधार से हटा सकते हैं। लेकिन किसी और की आलोचना से किसी को हटाया नहीं जा सकता है। पूरी घटना पर विधायक रफीक खान ने कहा- गोपाल शर्मा पत्रकार रह चुके हैं। इसलिए उन्हें छपने का ज्यादा शौक है। मैंने यूडी टैक्स को लेकर आपत्ति जताई थी। गोपाल शर्मा उसे सिविल समझ गए। पाकिस्तान से जयपुर की तुलना करने लगे। जो किसी भी सूरत में सही नहीं है। वैसे भी पाकिस्तान तो आजादी के वक्त जहां बना था, वहां बन चुका है। आम जनता को लड़ाने की और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की राजनीति शर्मा को नहीं करनी चाहिए। उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री भी सबका साथ और सब का विकास का नारा देते है। लेकिन, इनके नेता जाति और धर्म के नाम पर आम जनता को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। जो पूरी तरह गलत है।

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