– मकर संक्रांति पर दिन भर वो काटा-वो मारा का शोर रहा, हालांकि हवा कम होने से पतंगबाजों का उत्साह कम दिखा।
जयपुर। मकर संक्रांति पर शुक्रवार को दिन भर पतंगबाजी का उत्साह देखने को मिला। सुबह से शाम तक हर कोई पतंग उड़ाने में मशगूल रहा। चारों तरफ वो काटा, वो मारा का शोर गंूंजायमान रहा। यहीं नहीं डीजे और ढोल की धुनों पर युवक-युवतियां और बच्चे नाचते-गाते भी दिखे। इस दौरान गरमागरम दाल की पकौडिय़ों, फीणियों का दौर चलता रहा। फिर शाम होते ही आकाश लालटेन की रोशनी से जगमगा उठा। चारों तरफ लालटेन ही लालटेन उड़ती दिखी। साथ ही लोगों ने पटाखे छोड़कर जमकर आतिशबाजी भी की।
सुबह से ही पतंगबाजी का माहौल देखने लायक रहा। छतों पर युवा व बच्चों ने सबसे पहले जाकर पतंगबाजी की कमान संभाल। सुबह हवा ने भी साथ दिया, जिसके चलते पतंगबाजी अच्छी रही। रंग-बिरंगी पतंगों से आकाश सतरंगी बना रहा। चारों तरफ वो काटा और वो मारा की आवाजें गूंजती रही। साथ ही पतंग लूटने वालों का भी जोश देखते ही बनता दिखा। हालांकि इस दौरान मांझे व डोर की चपेट में आने से कुछ लोगों के चेहरे, मुंह और हाथ जख्मी हो गए। सबसे ज्यादा शामत आज पक्षियों की रही। चारों तरफ पतंगबाजी के चलते बहुत से पक्षी मांझे की चपेट में आकर जख्मी होते रहे और कई मर भी गए। फिर भी लोगों में पतंगबाजी का उत्साह कम नहीं दिखा। वे पतंगबाजी में तल्लीन रहे। लेकिन काफी लोगों ने घायल पक्षियों को ईलाज के लिए अस्पताल भी पहुंचाया और स्वयं ने मरहम पट्टी की। दिन में जरुर हवा ने साथ नहीं दिया, जिसके चलते पतंगे परवान चढ़ते नहीं दिखी। लोग ठुमकी ही मारते दिखे। शाम चार बजे बाद हवा ने थोड़ा साथ दिया तो आकाश फिर से सतरंगी हो गया। शाम होते ही पतंगों का स्थान लालटेनों ने ले लिया। हजारों लालटेन आकाश में छा गई। इस दौरान लोगों ने पटाखे छोड़कर आतिशबाजी की।
दान-पुण्य भी खूब हुए
मकर संक्रांति पर दान-पुण्य भी खूब हुए। लोगों ने मंदिरों में जाकर आराध्य देव को पतंग-डोर के साथ तिल के लड्डू, गजक भेंट की। साथ ही मंदिरों के बाहर गुड, लड्डू, गजक व खाना वितरण किया। गायों को हरा चारा खिलाया। असहाय व गरीब लोगों को कपड़े, खाना दिया।
-पतंग उतारने के दौरान 12 साल के बच्चे की करंट से मौत
कोटा में पतंगबाजी के दौरान पास से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से छू जाने से 12 साल के मासूम की करंट से मौत हो गई। 12 साल का हिमांशु गुर्जर छत पर पतंग उड़ा रहा था। छत के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी। पतंग हाईटेंशन लाइन में अटक गई। हिमांशु ने डंडे से पतंग उतारने की कोशिश की। इसी दौरान करंट की चपेट में आ गया। परिजन उसे सुल्तानपुर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। वहां से उसे कोटा रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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