कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर सुर्खियों में आए कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन और शीर्ष अदालत के बीच टकराव बढ़ता नजर आ रहा है। हाल ही जहां सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के दौरान जस्टिस कर्णन ने उनका काम लौटाने की सुप्रीम से कोर्ट से मांग की थी। वहीं अब उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करने वाले चीफ जस्टिस जेएस खेहर सहित 6 जजों को उन की आवासीय अदालत में 28 अप्रेल को पेश होने को कहा। जस्टिस कर्णन ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया बिना किसी वजह, जानबूझकर और दुर्भावनावश 7 जजों की बेंच ने उनका अपमान किया। जस्टिस कर्णन ने कहा कि जजों को उनके द्वारा एससी-एसटीअत्याचार निवारण अधिनियम के उल्लंघन के आरोपों का बचाव करने को कहा गया है। ताकि एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के उल्लंघन को लेकर कितनी सजा हो, इसके बारे में अपनी राय रखेंगे। कहा कि उन्होंने अपने आवास से स्वत: संज्ञान न्यायिक आदेश पारित किया। अपने आवास को उन्होंने अस्थायी न्यायालय करार दिया। जस्टिस कर्णन ने अपने आदेश में कहा कि चीफ जस्टिस ने 31 मार्च को मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाए तो 6 अन्य जजों ने उनका अनुमोदन किया, जो अपमान के बराबर है। गौरतलब है कि कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 20 मौजूदा जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस संबंध में उन्होंने पीएम मोदी का पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। साथ ही सीबीआई को जांच के आदेश दिए। उन्होंने सीबीआई से यह रिपोर्ट संसद को भेजने के निर्देश दिए। जिसे सीजेआई ने अदालत की अवमानना माना। इसके बाद से ही सुप्रीम कोर्ट व जस्टिस कर्णन के बीच विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

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