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जयपुर। जालौर जिले के गांव लुनियासर-सांचोर में 11 मई, 2०15 को सायं 7.3० बजे ख्ोत पर खाद की ट्रॉली खाली करते समय फावड़े के नीचे झूल रहे तारों को छूने से आये करन्ट से किसान मफाराम की मौत होने के मामले में पत्नी पारु देवी सहित अन्य वारिसान की ओर से फेटल एक्सीडेंट एक्ट-1846 के अन्तर्गत पेश किये गये 82.5० लाख रुपए की क्षतिपूर्ति के मुकदमें को एडीजे-17, जयपुर मेटàो पवन कुमार ने विपक्षी जोधपुर डिस्कॉम की लापरवाही नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है।

विपक्षीगण राज्य विद्युत प्रसारण निगम एवं जोधपुर डिस्कॉम की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट अम्बिका देसाई ने क्लेम याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि मृतक के हाथ में जो फावडा था, उसमें लोहे का डंडा लगा हुआ था एवं ट्रोली को लिफ्टर से खाद उडलने के लिए ऊपर किया तथा उक्त ट्रोली में रखी खाद के ऊपर चढकर वह खाद नीचे की ओर ढकेल रहा था, जो कि ट्रोली की ऊंचाई खाद भरे होने के कारण काफी अधिक हो गई थी। साथ ही हाईटेंशन लाईन के तार ढीले होने की घटना से पहले कोई शिकायत भी दर्ज नहीं करवाई गई थी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि बिजली के तार जमीन से 15-16 फीट ऊंचाई पर थ्ो। बिजली के तारों से हाथ स्पर्श होने मात्र से अप्रार्थीगण को उक्त घटना के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

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