Death, ten men, violent, India Close
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जयपुर। एससी-एसटी एक्ट को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में सोमवार को राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान देश और राजस्थान के कई हिस्सों में हुई हिंसा, उपद्रव, आगजनी के खिलाफ मंगलवार को गुस्सा देखा गया। हिंसा से प्रभावित दुकानदारों और दूसरे पक्ष के लोग आज कई शहरों में सड़क पर उतर आए।

उपद्रवियों की गिरफ्तारी को लेकर मौन जुलूस, रैलियां निकाली और आमसभा की। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों व पुलिस आमने-सामने भी हुई। राजस्थान के हिण्डौनसिटी में तो प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को आसूं गैस के गोले दागने पड़े। लाठी चार्ज करना पड़ा। इसके बाद भी लोग बार-बार सड़कों पर उतरते रहे और उपद्रवियों की गिरफ्तारी की मांग करते रहे। नीमकाथाना, भुसावर, गंगापुर सिटी, आहोर समेत अन्य शहरों मेंं भी हिंसा के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। हजारों लोग सड़क पर उतरे, वो भी धारा एक सौ चवालीस लगी होने के बाद भी। लोगों ने जुलूस निकालते हुए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उपद्रवियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। ऐसा नहीं करने पर आंदोलन तेज करने के लिए चेताया है।

कानून व्यवस्था के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद रहा। हिण्डौनसिटी को छोड़ शेष सभी स्थानों पर शांति रही। पुलिस ने कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रखी। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों सीकर, जोधपुर, बाडमेर, करौली, अलवर आदि जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रही। पूरे प्रदेश में पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हुए है। भारी पुलिस जाप्ता भी लगाया हुआ है। वहीं पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान करके धरपकड़ भी शुरु कर दी है। करीब एक हजार लोगों को पकड़ा गया है। जिसमें 65 जयपुर से है।

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