Mandatory attendance

नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने उपस्थिति दर्ज नहीं कराने की अपनी योजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। ऐसा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जेएनयू में अनिवार्य उपस्थिति नियम को शुरू करने के विरोध में किया गया है।आज सुबह जेएनयू के कुलपति के साथ एक मुलाकात के दौरान जेएनयूएसयू अध्यक्ष गीता कुमारी ने बताया, ‘‘हमने प्रशासन को यह बताया कि इस तरह की निगरानी किस तरह अकादमिक स्वतंत्रता और जेएनयू की संस्कृति को बरबाद करके रख देगी।’’ गीता कुमारी ने कुलपति को करीब 2,500 हस्ताक्षरों वाला एक ज्ञापन सौंपा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने बताया कि किस तरह परिसर के छात्र ना केवल कक्षाओं बल्कि ढाबा और छात्रावास के कैंटीन पर भी सीखते हैं। हालांकि, कुलपति ने जोर दिया कि अनिवार्य उपस्थिति का मॉडल आईआईटी की तर्ज पर अपनाया गया है।’’ जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव शुभांशु सिंह ने कहा कि कुछ कक्षाओं में उन्होंने इस कदम के खिलाफ अभियान शुरू किया है।सिंह ने कहा, ‘‘कुछ प्रोफेसर भी अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।’’ हालांकि, जेएनयू शिक्षक संघ की अध्यक्ष आयशा किदवई ने कहा कि शिक्षकों की संस्था 10 जनवरी को अपनी आम सभा की बैठक में इस संबंध में कार्रवाई को लेकर फैसला करेगी।

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