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जयपुर। 2019 संस्करण में 250 से ज्यादा वक्ताओं के शरीक होने की उम्मीद है, जिनमें से फेस्टिवल ने 30 वक्ताओं की अपनी पहली सूची घोषित की है। वक्ताओं के नामों का खुलासा साझा संकेतों के आधार पर वक्ताओं के नामों का अनुमान लगाने वाले साहित्य के उत्साही लोगों के साथ आॅनलाइन जुड़ाव के माध्यम से वक्ताओं के नामों का खुलासा किया गया। लेखकों की पहली सूची में अलेक्जेंडर मैककॉल स्मिथ, अमीन जाफर, आंद्रे एसीमन, एंड्रयू सीन ग्रीर, अनीष कपूर, अनुराधा रॉय, चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी, कोल्सन व्हाइटहेड, डोना जुकरबर्ग, जर्मेन ग्रीर, हरि कुंजरू, जेरेमी पैक्समैन, जॉन ली एंडरसन, जुर्गेन बूस, मनीशा कोइराला, मार्क क्विन, मार्कस जुकास, मौली क्रैबापल, एन.एस. माधवन, नरेंद्र कोहली, नोवॉयलेट बुलावयो, पेरुमल मुरुगन, प्रियंवदा नटराजन, रोम व्हिटकर, रूपर्ट एवरेट, साइमन सेबग मोंटेफियर, बेग, तौफिक ई. चौधरी, उदय प्रकाश, उपमान्य चटर्जी और विक्रम चंद्रा शामिल हैं।

पंजीकरण और डेलिगेट पैकेजेज – फेस्टिवल में शामिल होने के लिए आॅनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है और आंगतुक फेस्टिवल की बेवसाइट के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। आगंतुक फेस्टिवल के रोमांच का अनुभव लेने, लेखकों के साथ मिलने, उद्योग के भागीदारों के साथ संवाद करने, डेलिगेट लाउंज में रिलैक्स करने तथा जयपुर म्यूजिक स्टेज एवं हेरिटेज षाम का लुत्फ लेने के लिए डेलिगेट पैकेजेज भी खरीद सकते हैं।
वॉलंटियर प्रोग्राम – जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक सफल वॉलंटियर प्रोग्राम का भी संचालन करता है, जो इसके परिचालन की रीढ़ है, वहीं उत्साही युवाओें को बेजोड़ समृद्ध अनुभव प्रदान करता है, जो उन्हें इस तरह के बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाले फेस्टिवल बनाने और उसका प्रबंधन करने का प्रत्यक्ष अनुभव लेने में सक्षम बनाता है। समर्पित वॉलंटियर के 300 लोगों की सुदृढ़ आर्मी फेस्टिवल के सभी 27 विभागों में काम करते हैं। वॉलंटियर के लिए पंजीकरण 31 अक्टूबर, 2018 तक खुला है। सालाना जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने आज अपने 12वें संस्करण के लिए वक्ताओं की पहली सूची जारी की। फेस्टिवल का आयोजन 24-28 जनवरी, 2019 को जयपुर के खूबसूरत और ऐतिहासिक डिग्गी पैलेस होटल में किया जाएगा। दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक महोत्सव के रूप में वर्णित जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल विचारों का शानदार उत्सव है। पिछले दषक में यह एक वैष्विक साहित्यिक घटना के रूप में परिवर्तित हुआ है, जिसमें करीब 2000 वक्ताओं की मेजबानी की गई और भारत तथा दुनिया भर के लाखों पुस्तक प्रेमियों को इसने स्वागत किया है।

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