Jayaram Thakur

नयी दिल्ली : भाजपा नेता और पांचवीं बार विधायक बने जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री पद होंगे । उन्हें एक भव्य समारोह में 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है । जयराम (52) के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं । मुख्यमंत्री पद की रेस में हिमाचल प्रदेश के कई दिग्गज भाजपा नेताओं को पीछे छोड़कर जयराम आज पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए । वह राज्य में राजनीतिक तौर पर महत्वूपर्ण मंडी क्षेत्र के पहले नेता हैं जो मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं ।

हिमाचल में मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा आलाकमान की ओर से केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि जयराम को अगला मुख्यमंत्री चुना गया है । राजनीति में कदम रखने के समय से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में सक्रिय रहे जयराम हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद राज्य के शीर्ष पद की रेस में आगे चल रहे थे । धूमल कल रात तक दावेदारों की रेस में मजबूती से डटे थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए । पार्टी विधायकों के एक धड़े ने पूर्व मुख्यमंत्री धूमल का समर्थन किया था । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा भी मुख्यमंत्री पद की रेस में आगे चल रहे हैं ।

प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और धूमल की अगुवाई वाली राज्य सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री का पद संभाल चुके जयराम राजपूत नेता हैं । पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज एवं महेंद्र सिंह ने विधायक दल के नेता पद के लिए जयराम का नाम प्रस्तावित किया और अन्य ने उनके नाम का समर्थन किया । एक सूत्र ने कहा, ‘‘ऐसी संभावना है कि 27 दिसंबर को एक समारोह में जयराम ठाकुर राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे । समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे ।’’ जयराम हिमाचल में राजनीतिक तौर पर अहम मंडी से ताल्लुक रखने वाले पहले मुख्यमंत्री होंगे । मंडी में ज्यादा सीटें होने के कारण उसे अहम माना जाता है । राज्य के अब तक के ज्यादातर मुख्यमंत्री शिमला, कांगड़ा और सिरमौर इलाके से होते थे ।

मंडी में 10 विधानसभा सीटें हैं जबकि कांगड़ा में 15 विधानसभा सीटें हैं । इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मंडी की 10 में से नौ सीटों पर कब्जा जमाया है। सुर्खियों से दूर रहने वाले जयराम मंडी के एक किसान परिवार से आते हैं । उन्होंने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई की और यूनिवर्सिटी के दिनों में ही राजनीति में कदम रखने का फैसला किया । जयराम ने 1993 का हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा। 1993 के चुनाव में तो वह हार गए, लेकिन उसके बाद के सारे विधानसभा चुनाव उन्होंने जीते हैं ।

मृदुभाषी माने जाने वाले जयराम की ताकत यह है कि उन्हें एक ऐसे नेता के तौर पर देखा जा रहा है जिसने राज्य में पार्टी के अलग-अलग गुटों के बीच संतुलन स्थापित करने में सफलता पाई है । नए विधायकों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के कारण केंद्रीय पर्यवेक्षकों – सीतारमण और तोमर – को इस मुद्दे पर आलाकमान से दोबारा विचार-विमर्श करने के लिए शिमला से दिल्ली लौटना पड़ा। इससे पहले, केंद्रीय पर्यवेक्षकों का दो सदस्यीय दल राज्य में 21 और 22 दिसंबर को मौजूद था और उन्होंने राज्य भाजपा की कोर कमेटी के सदस्यों, सांसदों और कुछ विधायकों की राय ली थी। गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य की 68 सीटों में से 44 सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया है ।

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