जयपुर। राजस्थान के बड़े गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की एनकाउंटर में मौत को आज 9 दिन बीत चुके हैं। लेकिन फिर भी आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। जैसे जैसे समय गुजरता जा रहा है। उसी के साथ पुलिस के सामने भी चुनौती कड़ी होती जा रही है।

यही वजह रही कि पुलिस ने सुरक्षा इंतजामों को कड़े करते हुए गांव की ओर आने जाने वाले रास्तों को जहां पूरी तरह सील कर दिया है। वहीं गांव के सपाट सड़कों को गहरे गडढों में तब्दील कर दिया है। जिससे अब न तो कोई गांव एकाएक प्रवेश कर सकता है और न ही गांव के बाहर निकल सकता है। इस कवायद के पीछे माना जा रहा है कि पुलिस ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।

-जेसीबी से खुदवाए गडढे
पुलिस का मानना है कि परिजन आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार कर दे। साथ ही किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए पुलिस ने गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश को रोक दिया है। इसके लिए जेसीबी की सहायता से गांव के सभी रास्तों पर गहरे व बड़े-बड़े गडढे खुदवा दिए गए हैं। ऐसे में अब कोई एकाएक गांव में सहजता से प्रवेश नहीं कर पाएगा न ही गांव का कोई शख्स बाहर जा सकेगा। इसी तरह आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार नहीं होने की स्थिति में शव को सडऩे से बचाने के लिए बर्फ की जरुरत पड़ेगी, जिसके लिए बफ लाना भी संभव नहीं हो सकेगा। बता दें रविवार को आनंदपाल के वकील एपी सिंह शव को सुरक्षित रखने के लिए डीप फ्रिज लेकर पहुंचे थे। जिसे पुलिस ने गांव में नहीं लाने दिया। जबकि सीकर, चूरू व नागौर में इंटरनेट सेवाएं को पहले ही बंद कर दिया था। जो रविवार को भी बंद ही रही।

-टस से मस नहीं हो रहे परिजन
एक ओर प्रशासन आनंदपाल के शव का हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कराने के लिए परिजन को समझा रहा है। वहीं परिजन अपनी मांगों पर ही अड़े हुए हैं। शनिवार को आनंदपाल के परिजनों ने शव ले लिया तो पुलिस ने शव प्राप्ति को लेकर योगिता व मामा अमरसिंह से शव प्राप्ति पर हस्ताक्षर करवाए। इधर आनंदपाल की बड़ी बेटी चरणजीत चीनू अभी दुबई से सांवराद नहीं पहुंची है। जबकि चाचा रुपेन्द्रपाल सिंह व मंजीत सिंह को कोर्ट ने पैरोल नहीं दिया। ऐसे परिजन उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने व सीबीआई जांच सहित अन्य मांगों पर ही अडिग है।

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