-एक हजार से अधिक लोग हुए लाभान्वित,अब तक लगभग 50 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान
-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना, दुर्घटना वश अपनी जान गवां चुके लोगों के बीमित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के क्षेत्र मे एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर शुरु की गई यह योजना ना केवल अपनी जान गवां चुके लोगों के बीमित परिवारों को बल्कि दुर्घटना के कारण स्थायी अपगंता से जूझ रहे लोगों को भी आर्थिक संबल प्रदान करने में कारगर सिध्द हो रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशील सोच है कि दुर्घटना के कारण अपनी जान गवां चुके लोगों और दुर्घटना के कारण अपंगता का सामना कर रहे दिव्यांगजनों की क्षति को तो पूरा नहीं किया जा सकता है परन्तु उनके बीमित परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। प्रदेश सरकार की इस जनकल्याणकारी योजना में अबतक लगभग 3 हजार 380 बीमित परिवारों के माध्यम से आवेदन किया जा चुका है। प्राप्त आवेदनों में से एक हजार 440 आवेदन स्वीकृत किए गए, जिनमें से एक हजार सात बीमित परिवारों को बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है,साथ ही 483 आवेदन प्रकियाधीन हैं। बीमित परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करने के जिस उद्देश्य के साथ इस योजना की शुरुआत की गई थी उस दिशा में यह योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। उल्लेखनीय है कि योजना में बीमा राशि का भुगतान बीमित परिवार को 30 से 60 दिनों के भीतर कर दिया जाता है। प्रदेश सरकार की इस जनकल्याणकारी योजना के माध्यम से अबतक लगभग 50 करोड़ 24 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। बीमित परिवारों को अगस्त माह से ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है। राज्य सरकार की इस जनकल्याणकारी योजना का लाभ प्राप्त करने के मार्ग को और भी सरल और सुगम बनाया गया है ताकि आम नागरिकों को ज्यादा सुविधा प्रदान की जा सके। इसलिए योजना में प्रदेशवासियों को अलग से पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है। जो नागरिक मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकृत हैं वे सभी नागरिक इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अबतक लगभग 1.34 करोड़ परिवार पंजीकृत हो चुके है वे सभी इस योजना के सदस्य होगें। एक मई 2022 से शुरु हुई प्रदेश सरकार की इस योजना में पात्र परिवारों से कोई भी अंशदान की राशि नहीं वसूल की जायेगी।
बीमित परिवारों को संबल प्रदान करने के लिए इस योजना के माध्यम से दुर्घटना के कारणवश मृत्यु होने पर बीमित परिवार को 5 लाख रुपए तक की बीमा राशि प्रदान की जाती है। साथ ही स्थायी अपंगता जैसे कि दुर्घटना में दोनों हाथ या दोनों पैर अथवा दोनों आँखो को गवां देने एवं एक हाथ या एक पैर या एक आँख की पूर्ण क्षति या इन अंगो के पूर्णतरू निष्क्रिय होने पर 3 लाख रुपए तक का बीमा राज्य सरकार के माध्यम से वहन किया जाता है। इस योजना के माध्यम से दुर्घटना में हाथ,पैर और आँख की पूर्ण क्षति या निष्क्रिय होने और इन अगों के पार्थक्य (अलग) होने की स्थिति में 1.5 लाख रुपए तक की बीमा राशि प्रदान की जाती है। इस योजना से आर्थिक रुप से कमजोर बीमित परिवारों को सहायता मिल रही है। राज्य सरकार गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की सहायता से दुर्घटनाओं को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रत्येक परिवार को सड़क दुर्घटना पर, ऊँचाई से गिरने पर, मकान के ढहने से एवं बिजली के झटके के कारण दुर्घटना होने पर और रासायनिक द्रव्यों के छिड़काव के वजह से होने वाली क्षति एवं डूबने के स्थिति में और जलने के कारण हुई दुर्घटनाओं पर बीमित परिवारों को बीमा की सहायता राशि प्रदान की जाती है। केस 1 मुख्यंमत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अजमेर निवासी लाभार्थी परिवार से हुई बात-चीत में परिवार के सदस्य ने बताया की उनके छोटे भाई का निधन घुघरा घाटी में कार दुर्घटना में हो गया था। जिसके बाद वह और उनका पूरा परिवार दुख में घिर गया। फिर जब उन्हें मुख्यंमत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना की जानकारी मिली तो उनके परिवार ने बीमा राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन किया। आवेदन करने के कुछ समय बाद ही उनकी माता जी के खाते में 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि इससे उनके प्रियजन की पूर्ति तो नहीं की जा सकती परन्तु उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मे काफी सहयोग मिला है और वे मुख्यंमत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हैं कि उनकी इस योजना के कारण उनके परिवार को आर्थिक संबल मिला। केस 2 ऐसा ही एक और वाकया सामने आया जहाँ जयपुर निवासी आसिफ के पिता मूसलिम मियां का इंतकाल सागांनेर मानसरोवर पुलिया पर एक सड़क दुर्घटना में हो गया था। सर से पिता का साया छिन जाने के बाद तंग आर्थिक स्थिति के कारण उनके परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आसिफ ने बताया की योजना के बारे में जानकारी मिलने पर बीमा राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन करने के मात्र 30 से 60 दिनों के भीतर ही उनकी अम्मी जैमून बीबी के खाते में 5 लाख रुपए की बीमा राशि का भुगतान किया गया जिससे उनको बेहाल हो रही अपनी आर्थिक स्थिति को संभालने मे सहायता मिली। आसिफ ने बताया कि पिता के निधन के बाद आर्थिक परेशानियों की मार झेल रहे उनके परिवार का सहारा मुख्यंमत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना बनी।

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