नई दिल्ली। ग्रेमी अवार्ड में भारतीय तबला वादक संदीप दास का भी डंका रहा। उन्हें भी 59वें ग्रैमी अवार्ड मिला है। यह सम्मान मिलने पर भारतीय संगीत का नाम रोशन किया है। उन्हें सिल्क रोड इंसेंबल समूह के साथ बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक के लिए ग्रैमी अवार्ड दिया। पटना के संदीप दास बचपन से ही तबला बजा रहे हैं। स्कूल में भी पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय टेबल को ही तबला मानकर बजाने लगते थे। इस तरह की शिकायतों के बाद उनके पिता ने संदीप दास की तबला प्रतिभा को भांपते हुए उसका प्रशिक्षण दिलवाया। धीरे-धीरे तबले पर ऐसी महारत हासिल की, दुनिया उनकी दीवानी हो गई। अवार्ड जीतने पर संदीप दास ने मीडिया से कहा कि पहले भी दो बार ग्रेमी अवार्ड में नोमित हुआ, लेकिन किस्तम तीसरी बार में जागी। इस बार किस्मत ने साथ दिया। मुझे मेरी सांस्कृतिक विरासत और संगीत पर गर्व है। संगीत मेरे खून में है। इस अवार्डस से मुझे आशा है कि मेरे अपने देश में संगीत को और तवज्जो मिलेंगी।

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