Chaksu Block Congress, President Gangaram Meena, bribery game. acb rajasthan
-ग्रेटर नगर निगम में करते थे ठेकेदारी का काम, बी-टू बाईपास स्थित गंगाराम की नर्सरी पर बनती थी घूस के लेन-देन की योजना, अब एसीबी करेगी पूछताछ। अचलेश्वर मीणा व अनिल अग्रवाल दो दिन के रिमांड पर धन कुमार को जेल भेजा।
जयपुर। जयपुर ग्रेटर नगर निगम में घूसखोरी के खेल के मामले में कई खुलासे हुए हैं, उसमें चाकसू से ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष गंगाराम मीणा की भूमिका भी  सामने आई हैं। एसीबी के मुताबिक, गंगाराम मीणा की बी-2 बाईपास स्थित नर्सरी पर ही  घूसखोरी के लेनदेन की योजनाएं  बनती थी। एसीबी ने गंगाराम मीणा सहित नगर निगम के अफसरों, कार्मिकों सहित कई ठेकेदारों को नामजद आरोपी बनाया हैं।
  मालूम हो कि काम के बदले ठेकेदारों से लाखों की घूस वसूली में गिरफ्तार आरोपी दलाल धनकुमार जैन ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की पूछताछ में कबूला है कि वह बिलों पर 2 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में निगम के सीईओ यज्ञमित्र सिंह देव को देता था। उक्त वसूली के मामले में एसीबी ने शुक्रवार देर रात निगम के वित्तीय सलाहकार अचलेश्वर मीणा, दलाल धनकुमार जैन और अनिल अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। अचलेश्वर मीणा व अनिल अग्रवाल को एसीबी ने आज फिर दो दिन के रिमांड पर लिया है। वहीं धन कुमार को जेल भेजा गया है।  ग्रेटर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायत एसीबी को 18 सितंबर 2021 को मिली थी। निगम में टेंडर के बाद निरीक्षण, माप, बिल पास करने के बदले घूस ली जा रही थी।
   पूछताछ व फाेन पर हुई बातों में इसका खुलासा होने पर एसीबी ने संबंधित लोगों को नामजद किया है।  जानकारी के मुताबिक, बी-टू बाईपास के कोने पर स्थित गंगाराम मीणा की नर्सरी में सभी ठेकेदार एकत्र हुए। जहां कमीशन के रुपए और बिल भुगतान पर बात हुई थी।  इसके उपरांत एसीबी चार महीने तक पीछे लगी रही और फिर दबिश देकर माामले का भंडाफोड़ किया। एसीबी ने इस मामले मे गंगाराम मीणा सहित अचलेश्वर मीणा एफए, यतेंद्र सांखला सहायक लेखाधिकारी, श्रीकांत पारीक एएओ, गोविंद कुमार अग्रवाल ठेकेदार, अभिषेक जैन उर्फ टीटू-ठेकेदार, धनकुमार जैन, अनिल अग्रवाल आदि को आरोपी बनाया हैं। इनमें से ठेकेदार गोविंद अग्रवाल पहले भी एसीबी के हत्थे चढ़ चुका है।
 ठेकेदारों से घूस लेने के मामले में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जो सनसनीखेज खुलासा हुआ है, उसने राज्य में सत्ताधारी दल कांग्रेस को भी दागदार कर डाला। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी धनकुमार जैन ने एसीबी से पूछताछ में जो खुलासा किया है उसमें रिश्वत देने वाला ठेकेदार और कोई नहीं, चाकसू का ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गंगाराम मीणा है।  इस मामले के तार कांग्रेस के कुछ ओर नेताओं से जुडे होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। गंगाराम मीणा की एक केबिनेट मंत्री से नजदीकी काफी चर्चा में है। जिला प्रमुख जयपुर के चुनाव में भी गंगाराम खूब चर्चा में रहे हैं।
 कांग्रेसी नेता और ठेकेदार गंगाराम मीणा के खिलाफ एक शिकायती पत्र और मिला है उसमें कई और सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। शिकायत के अनुसार अक्टूबर 2020 में नगर निगम जयपुर ग्रेटर में जो टेंडर हुए उसमें मीणा ने अधिकारियों के साथ मिलकर 7 करोड़ रुपए का टेंडर पूल बनाकर 22 प्रतिशत अधिक दर पर लेने का मामला काफी उछला था। इस ठेके के बदले में निगम के एक अधिकारी को कमीशन के रूप में महंगा भूखंड दिया गया था। यह मामला भी एसीबी की नजर में है। बेशक़ीमती भूखण्ड लेने वाला अधिकारी भी। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष मीणा पर यह भी आरोप है कि उसने अपनी एक रिश्तेदार को उद्यान विभाग में मुख्य पद पर लगवा रखा है। गंगाराम के पास अधिकांश ठेके उद्यान विभाग से संबंधित ही हैं। उद्यान विभाग का एक जेईएन जो पहले भी एसीबी की कार्रवाई में ट्रेप हो चुका उस सहित पांच छह ऐसे अधिकारियों का पूल उद्यान विभाग में बना हुआ है जो कई छोटे मोटे कार्य तो केवल कागजों में ही दिखाकर रकम उठाने में लगा हुआ है।   सबसे मजेदार बात तो यह है कि गंगाराम की जिस एक फर्म को जेडीए ने ब्लेक लिस्ट कर रखा  है उस फर्म से मीणा ने जयपुर नगर निगम हैरिटेज में पेड़ों की कटाई छंटाई का ठेका लेने की बात सामने आई है। एसीबी ने सोमवार को ग्रेटर नगर निगम में सर्च कर उद्यान व वित्त विभाग की 21  फ़ाइल तथा काफी डाटा जब्त किया है। उक्त दस्तावेज की जांच पड़ताल से तमाम आरोपों व घपलों से भी पर्दा उठने की उम्मीद जताई जा रही है।

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