-सीएम शर्मा ने पीएम सम्मान निधि और सामाजिक सुरक्षा पेंशन और गेहूं पर बोनस में बढ़ोतरी की
जयपुर. राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 4 बड़ी घोषणाएं की हैं। राज्य सरकार ने किसानों को दी जाने वाली पीएम सम्मान निधि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और गेहूं पर बोनस में बढ़ोतरी की है। किसानों को दी जाने वाली पीएम सम्मान निधि के तहत अब किसानों को हर साल 8 हजार रुपए मिलेंगे। पहले 2 हजार रुपए मिलते थे। इससे सरकार पर 1300 करोड़ रुपए का भार आएगा। वहीं गेहूं की फसल पर किसानों को 125 रुपए क्विटंल ज्यादा मिलेंगे। गेहूं की फसल पर बोनस सहित 2275 रुपए मिलते थे, अब 2400 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे। वहीं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भी सरकार ने 150 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है। विधवा, बुजुर्गों और परित्यक्ताओं को अब हर महीने 1150 रुपए मिलेंगे। इससे सरकार पर 1800 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। वहीं पाक से विस्ताथपित परिवारों को आवास व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अलग से योजना लाने का ऐलान किया है। इससे पहले सीएम ने पिछली कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। कहा- पिछली सरकार में आमजन का कोई भी काम बिना सेवा-पानी और खर्ची के नहीं होता था। खर्ची होती थी, इनके यहां प्रीपेड सेवा शुरू हो गई थी। मोबाइल में तो देखा था। इतना डला दो, इतना काम हो जाएगा। हमारी सरकार न पर्ची की है न ही खर्ची की। यह सरकार धरती की है। धरती पुत्रों की हैं। सीएम 2 घंटे 8 मिनट लगातार बोला। सीएम बोले मेरे पास खेत है, आपके पास फार्म हाउस। आप बात ही कर सकते हो, काम वो कर सकता है, जिसकी पैर की बिवाई (एड़ी) फटी हो। मैंने हल भी चलाया है। इसलिए मैं समझौता कच्चा नहीं करता हूं। क्योंकि मैं किसान के दर्द को भी जानता हूं। आप को मजाक लग रहा होगा डोटासरा जी। आपके यहां तो नौकर लगे होंगे। हम तो खुद ही नौकर है। आपने इसी तरह से गरीब का मजाक उड़ाया है। इसलिए आपकी यह स्थिति है। राजस्थान के शिक्षित युवाओं को सूर्य मित्र और वायु मित्र अभियान चलाकर प्रशिक्षित किया जाएगा। जिससे उन्हें रोजगार भी मिलेगा और नवीन ऊर्जा का विकास भी हो सकेगा। सीएम ने कहा कि केंद्र से आया पैसा भी आपने विकास में काम में नहीं लिया। लिया तो कहां लिया, जिसकी जांचें चल रही है। ईडी घूम रही है। देख रहे हैं, किस तरह की भ्रष्टाचार की कहानी कहते हैं। राजस्थान जैसा भ्रष्टाचार किसी भी प्रदेश में नहीं हुआ। सीएम ने कहा कि लक्ष्मणगढ़ से आने वाले सदस्य (गोविंद सिंह डोटासरा) की चर्चा में सुन रहा था। वो कह रहे थे कि केवल हाईकोर्ट की एलडीसी भर्ती परीक्षा की जांच लंबित है। बाकी की जांच चल रही है। आप किस पेपरलीक की जांच एसआईटी से करवाओगे। माननीय सदस्य आप अपडेट हो जाए। मैं जानकारी देना चाहता हूं कि राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा-2021, सीएचओ भर्ती परीक्षा-2020, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022, रीट परीक्षा-2021 सहित कई पेपरलीक की जांच एसआईटी की ओर से की जा रही है। कुछ सदस्यों ने पेपरलीक की जांच एसआईटी से नहीं सीबीआई से करवाने की बात कही थी। अगर जरूरत हुई तो सीबीआई से भी पेपर लीक की जांच करवाएंगे। युवाओं के साथ और उनके पिता का जो दर्द है। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। जब हम पढ़ते थे, तब आरपीएससी की साख होती थी, लेकिन आज उस संस्था पर सवाल उठ रहे हैं। पेपरलीक के सरगनाओं को सामने लाने में पिछली सरकार विफल रही। अब युवाओं के साथ धोखा कभी बर्दाश्त नहीं होगा। आरपीएससी के मेंबर पेपर चोरी करते पकड़े गए। पेपरलीक के मामलों में युवाओं को आत्मदाह करने को मजबूर कर दिया। कई सदस्य तो ऐसे हैं, जिन्होंने खुद ने तो कुछ काम नहीं किया। वो अपने पिता और पूर्वजों की खा रहे हैं। लेकिन बात बड़ी-बड़ी करते हैं। इसलिए एक ही परिवार के 3-3, 4-4 सदस्य आरएएस सिलेक्ट हो रहे थे। वो कौनसी चक्की का आटा खाते हैं, कहां का पानी पीते थे। यहीं नहीं आगे सुनिए, नंबर भी सबके बराबर आ रहे हैं। वो तो वहीं करेगा, जो उसे कहा गया है। सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि मैं तो गांव से आने वाला व्यक्ति हूं। एक छोटे किसान परिवार से आता हूं। जीवन अभावों में भी गुजरा है। मेरा मुख्यमंत्री बनना शायद अच्छा नहीं लग रहा है। दरअसल, विपक्ष के कुछ सदस्यों में पर्ची का डर बैठा है। इसलिए वो बार-बार पर्ची की बात करते हैं। विपक्ष के सदस्यों को कौनसी तारीख की पर्ची का डर है। यह डर 25 सितंबर 2022 का है। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार का है। पिछली सरकार में आमजन का कोई भी काम बिना सेवा-पानी और खर्ची के नहीं होता था। खर्ची होती थी, इनके यहां प्रीपेड सेवा शुरू हो गई थी। मोबाइल में तो देखा था। इतना डला दो, इतना काम हो जाएगा। हमारी सरकार न पर्ची की है न ही खर्ची की। यह सरकार धरती की है। धरती पुत्रों की हैं। सीएम ने कांग्रेस राज पर हमला बोलते हुए कहा मुझे करौली की घटना याद है, जब पीड़ितों के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी। कन्हैयालाल का मामला ही देख लीजिए। जयपुर में युवक की हत्या को सांप्रदायिक रूप दिया गया।  जब भी कांग्रेस सरकार आती है, तब-तब महिला अत्याचार बढ़ते हैं। उस दलित महिला भंवरी को याद कीजिए। महिला अत्याचार पर बात उठाने वाले अपने ही मंत्री को कांग्रेस सरकार ने बर्खास्त कर दिया। ऐसा क्या कह दिया था कि सदन में बात उठाने के कुछ ही घंटे बाद अपने ही मंत्री को बर्खास्त कर दिया।
सीएम भजनलाल ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए पिछली सरकार पर हमला बोला। कहा महिला शक्ति के लिए जाने जाने वाले प्रदेश को महिला अत्याचार के मामलों से शर्मसार होना पड़ा। पिछली सरकार के समय राजस्थान महिला अत्याचार के मामले में नंबर वन बना रहा। हर दिन अबलाओं की इज्जत तार-तार होती थी। राजस्थान की आठ करोड़ जनता के प्रतिनिधि के तौर पर हम काम करते हैं। राजनीति में कई बार सच का सामना करना पड़ता है। हमें राजनीति कैसे करनी है। राजनीति के लिए तलवार की धार पर चलना होता है। मैं कह दूं और पालना नहीं करूं यह नहीं चलता। उस समय सरकार के मुखिया ने कहा कि महिला अपराध के ज्यादातर मामले झूठे होते हैं। इससे अपराधियों के हौंसले और बढ़ गए। रामलला प्राण प्रतिष्ठा को भी राजनीति के चश्मे से देख रहे हैं, जिन्होंने राम और रामसेतु के अस्तित्व को नकारा, उन्हें जनता ने नकार दिया। आने वाले समय में जनता चुनावों में इन्हें नकारेगी। राम मंदिर देश की आध्यामिक स्वतंत्रता के साथ आर्थिक तरक्की का प्रतीक हैं। अयोध्या में 22 जनवरी को 500 साल का इतिहास 84 सेकेंड में सिमट गया
– जूली ने कहा राजस्थान के सभी लोगों को 450 रुपए में सिलेंडर दे दीजिए
नेता प्रतिपक्ष ने कहा जबसे मोदी आए हैं, खाद्य सुरक्षा में एक नया नाम नहीं जुड़ा। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 111 वें नंबर पर हैं। ग्लोबल प्रेस फ्रीडम रैंक में 79 वें नंबर पर हैं। मोदी जी ने आज तक कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। 100 दिन में काला धन लाने की बात कही, 2 करोड़ युवाओं को राेजगार, महंगाई-भ्रष्टाचार कम करूंगा, डॉलर रुपया बराबर करने के वादे किए। ऐसे लग रहा है कि 90 के पार पहुंचाकर मानोंगे। किसान की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया, आमदनी तो दोगुनी नहीं हुई, लेकिन यूरिया का कट्टा 40 किलो से घटाकर 35 किलो कर दिया। पीएम आवास में राजस्थान के 9 लाख लोगों को वंचित कर दिया। यूपीए सरकार में डीजल 55 रुपए लीटर था, कहां पहुंचा दिया। राजस्थान के सभी लोगों को 450 में सिलेंडर दे दीजिए, लोग कहेंगे कि भजनलाल जैसा सीएम मिला है। नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा राजीव गांधी युवा मित्रों का क्या दोष है? आपको राजीव गांधी का नाम पसंद नहीं है तो मैं प्रस्ताव करता हूं कि इन्हें अटल युवा मित्र नाम दे दीजिए। बच्चों का रोजगार मत छीनिए। सरकार अच्छा काम करेगी तो हम साथ देंगे, गलत करेगी तो सड़क पर भी उतरेंगे अग्निवीर की जगह मंत्रीवीर योजना शुरू कर दी। मुख्यमंत्री जी ये लोग आपको निपटाने में लगे थे। जब आचार संहिता लगती है, चुनाव में आचार संहिता में बच्चियां स्वागत करती हैं तो हम 100-50 देते भी डरते हैं, आपने तो आचार संहिता में मंत्री बना दिया। हम संवैधानिक परंपराओं को माने। हमने पहले दिन ही कहा था सरकार अच्छा काम करेगी तो हम सरकार का साथ देंगे। मुख्यमंत्री जी, आपने बिना पढ़े ही ईआरसीपी पर एमओयू कर दिया। यह पहली बार हमने देखा कि कोई दस्तावेज सदन में ही नहीं रखा गया और उस पर हम चर्चा कर रहे हैं। यह तो हमारे सदस्य सीधे हैं और ईआरसीपी बहुत अहम मसला है इसलिए चर्चा कर ली, अन्यथा बिना दस्तावेज सदन में चर्चा नहीं होती। मुख्यमंत्री जब सदन में जवाब दें तो इस बारे में बताएं और ईआरसीपी का एमओयू तो सदन में रखवा दीजिए। ईआरसीपी वाले जिलों से 83 विधायक आते हैं, उन्हें तो उस एमओयू की कॉपी दे दीजिए। मुख्यमंत्री जी आप सज्जन और सौम्य व्यक्ति हैं, आपके साथी नहीं चाहते आप ज्यादा दिनों तक इस पद पर रहें। आपकी सरकार में यह असमंजस क्यों बना हुआ है। सीएस और डीजी तक किराए के हैं। एजी की नियुक्ति नहीं हो रही, हाईकोर्ट डांट लगा रहा है। आईएएस की सूची आती है और शाम को चेंज हो जाती है। ज्यादातर अफसरों को एडिशनल चार्ज दे रखा है। यह असमंजस क्यों बना रखा है। यह 100 दिन की कार्य योजना कब तैयार होगी?
बीएपी विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि अभिभाषण में आदिवासियों के लिए एक भी बात नहीं लिखी हुई है। जबकि राजस्थान में 13 प्रतिशत आदिवासी है। इससे ये साबित होता है कि यह डबल इंजन सरकार आदिवासी विरोधी है। आज राजस्थान का युवा दर-दर भटक रहा है। आज देश में जो हो रहा है, वो ठीक नहीं हो रहा है। देश में युवाओं को रोजगार चाहिए। गरीब को रोटी चाहिए, लेकिन आज धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है। युवाओं को मंदिर का घंटा समझ रखा है। ये सरकार आती है तो यह बजाती है। दूसरी आती है तो वह बजाती है।
– धारीवाल ने कहा नीतीश कुमार कुर्सी बदलने के तो बीजेपी योजनाओं के नाम बदलने की मास्टर
धारीवाल ने कहा जैसे नीतीश कुमार कुर्सी बदलने में मास्टर हैं, उसी तरह बीजेपी योजनाओं का नाम बदलने में मास्टर है। मुख्यमंत्री जब आएं तो इस बात का जवाब दें कि कांग्रेस की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्या करेंगे, उन्हें बंद करेंगे या नहीं। कांग्रेस सरकार पर कर्ज में प्रदेश को डुबोने का आरोप लगाया। पहले दूसरे राज्यों की हालत देख लीजिए, केंद्र सरकार की कर्ज के मामले में हालत देख लीजिए। वर्ल्ड बैंक तक ने कह दिया कि अब अगर और कर्ज लिया तो आपके हालात भी पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे हो जाएंगे। राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा अभिभाषण देखकर ऐसा लगा जैसे ऑटो रिक्शा की सरकार का संकल्प पत्र था। ऐसा लग रहा था जैसे सीएम का चुनावी भाषण हो। निर्जीव भाषण है, पढ़ने में इतनी उबासी आई कि उसकी हद नहीं। इस अभिभाषण में दलित, आदिवासी, पिछड़ों पर एक शब्द नहीं मिला। क्या आप पिछड़ों का कल्याण नहीं करना चाहते? 15 दिसंबर को बीजेपी की ऑटो रिक्शा सरकार ने शपथ ली। आगे का पहिया सीएम और पीछे के पहिए दो डिप्टी सीएम, ड्राइवर की सीट पर कौन बैठे हुए हैं, ड्राइवर की सीट पर मोदी जी बैठे हुए हैं। यह डबल इंजन की सरकार कुछ नहीं है, यह ऑटो रिक्शा बांध दिया। हर राज्य में यही हाल है। विधानसभा में ईआरसीपी के मुद्दे पर कांग्रेस ने लगातार हंगामा किया। हंगामे की वजह से 2 बजकर 28 मिनट पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने 20 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद फिर कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष की वेल में नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। इसके बाद 20 मिनट के लिए दोबारा कार्यवाही स्थगित कर दी।
– कमलनाथ ने तो गहलोत को मना कर दिया था- किरोड़ीलाल
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि गहलोत ने सीएम बनते ही कमलनाथ को लेटर लिखा तो कमलनाथ ने ईआरसीपी के तहत पानी के बंटवारे को मंजूरी देने मना कर दिया था। आप तो अनुमति नहीं ले सके जबकि हमारे सीएम ने तो बनते ही मध्यप्रदेश से सहमति ले ली, यह कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। गहलोत सरकार ने जलजीवन मिशन का पैसा ईशरदा डैम में लगा दिया। राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते तो 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य को खर्च करना पड़ता। इसे केन-बेतवा परियोजना की थीम पर पीकेसी बनाकर रास्ता निकाला, इसे एनपीपी बनाया जिससे 90 फीसदी पैसा केंद्र देगा। कमलनाथ को अशोक गहलोत ने पत्र लिखा था जिसमें कहा था कि 75 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी पर प्रोजेक्ट बनाओ तब हम इसे मंजूरी देंगे। केंद्रीय जल आयोग भी 75 फीसदी को मानता है। इंदिरा गारंधी के जमाने से प्रावधान है कि राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए डिपेंडेबिलिटी 75 फीसदी ही चाहिए। इंट्रा स्टेट में 50 फीसदी चल जाएगा, लेकिन इंटर स्टेट में 75 फीसदी ही चाहिए। मध्यप्रदेश ने जो बांध बनाए वो इंट्रा स्टेट था। किरोड़ी ने कहा कि 3510 एमसीएफ पानी की बात कहां से आई। विधानसभा में ईआरसीपी पर बहस के बाद कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर 13 जिलों की जनता के हितों पर कुठाराघात करने का अरोप लगाते हुए हंगामा किया। नाराज कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। कांग्रेस विधायकों ने पीकेसी धोखा है के नारे लगाए। कांग्रेस का आरोप है कि पीकेसी—ईआरसीपी के नए प्रोजेक्ट में 13 जिलों को सिंचाई का पानी नहीं मिलेगा, नए समझौते में पानी पहले से कम मिलेगा।
– विधायक बोहरा बोले भजनलाल सरकार ने विश्वासाघात किया
कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने कहा कि पूर्वी राजस्थान की जनता के साथ भजनलाल सरकार ने जितना बड़ा विश्वासघात किया, उतना किसी ने नहीं किया। किरोड़ीलाल मीणा ने राज्यसभा में सवाल पूछा था, जिसके जवाब में जलशक्ति मंत्री ने कहा था कि 75 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी नहीं है इसलिए नेशनल परियोजना नहीं बनेगी। नेशनल परियोजना आपने घोषित नहीं की। मंत्री ने कहा कि अब ईआरसीपी को हटाते हैं, अब यह पीकेसी हो गई है। आप जनता की ओखों में धूल झोंक रहे हो। जनता इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। मंत्री ने कहा था कि 2400 एमसीएम पानी मिलेगा। यह पहले से तय हो चुका है, मंत्री ने सदन को गुमराह किया। मंत्री को यह जवाब ही नहीं देना चाहिए था। पूर्वी राजस्थान बिना सिंचाई के रहेगा। आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग ने कहा कि पीकेसी ईआरसीपी के एमओयू की कॉपी सदन में नहीं रखी। हो सकता है जलसंसाधन मंत्री ने कॉपी देखी ही नहीं हो। सदन में एमओयू को रखिए ताकि यह तो पता लगे कि एमओयू में नया क्या है?
– यूनुस खान बोले 83 विधायकों को अगली पीढ़ी माफ नहीं करेगी
डीडवाना से निर्दलीय विधायक यूनुस खान ने नए एमओयू पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा। यूनुस खान ने कहा जलशक्ति मंत्री ने बताया था कि 3510 का जो प्रस्ताव था उससे 1000 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी कम मिलेगा। जब पानी कम हो जाएगा तो सिंचाई कहां से होगी। सिंचाई के सपने तो पूर्वी राजस्थान बंद कर दें। 1999 के बाद मध्यप्रदेश ने तो डेम बना लिए। 1200 एमसीएम पानी तो एमपी आज काम ले रहा है। यूनुस खान ने कहा कि किरोड़ी मीणा से राय ली जाती तो राजस्थान के हितों पर कुठाराघात नहीं होता। 83 विधायकों के क्षेत्र में पानी कम हो जाएगा। यह पीढ़ी तो बददुआ देगी ही, आने वाली पीढ़ी भी माफ नहीं करेगी कि हमारे विधायकों ने बिना पढ़े राजस्थान के हितों पर समझौता कर लिया।
– कांग्रेस विधायक मीणा बोले ईआरसीपी प्रोजेक्ट पानी कम मिलेगा
कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा ने कहा- ईआरसीपी के नए समझौते में आपने यह नहीं बताया कि पानी कितना मिलेगा। जब पानी ही पूरा नहीं मिलेगा तो कहां से बांध भरेंगे। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री कह रहे थे कि कांग्रेस ने जनता के कंठ सुखाए, उसका पाप लगा है। मैं गारंटी से कह सकता हूं कि आप 13 जिलों के लोगों का कंठ काट रहे हो। हमारी कमियां रहीँ, हमने कंठ सुखाया। आप तो कंट काट रहे हो।
हमारी सरकार ने 79 बांधों को ईआरसीपी में लेकर भरने का फैसला किया था। आपको 2000 एमसीएम से ज्यादा पानी नहीं मिलेगा, 1700 एमसीएम तो पीने के काम ही आएगा। सिंचाई के लिए कहां से आएगा। एमपी ने पहले से ही दो डैम बना लिए।
– गहलोत सरकार ने ग्रामीण ओलिंपिक में 126-करोड़ की टी-शर्ट खरीदी: राज्यवर्धन सिंह
कांग्रेस राज में हुए ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक खेलों के खर्च की जांच होगी। वित्त विभाग की कमेटी इसकी जांच करेगी। मंगलवार को विधानसभा में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सार्दुलपुर (चूरू) के बसपा विधायक बसपा विधायक मनोज न्यांगली के सवाल के जवाब में इसकी घोषणा की है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2022 और 2023 में ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक का आयोजन हुआ था। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जवाब में कहा ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक खेलों की जांच को हम तैयार हैं। यह चिंता और चिंतन का मुद्दा है कि विभाग का जितना बजट है, उसका चार गुणा पैसा खर्च हुआ। कोई स्टेडियम नहीं बना, कोई असेट नहीं बनाया। साल 2023 में 126 करोड़ केवल टीशर्ट खरीदने में खर्च हुआ। किन कंपनियों से यह खरीद हुई, टेंडर प्रक्रिया सही थी या नहीं इन सबकी जांच करवाई जाएगी। विधानसभा में रखे गए रिकॉर्ड के अनुसार, 2023 में ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक पर 155.46 करोड़ रुपए खर्च हुए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए 1.82 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इनमें 32 लाख तो डिजिटल फोरेंसिक ऑडिट और 1.50 करोड़ गिनीज बुक रिकॉर्ड के नाम पर राजस्थान युवा बोर्ड को दिए। टीशर्ट खरीद पर 126 करोड़ रुपए दो बार में खर्च किए। 48 लाख रुपए फोटो और वीडियो शूट पर खर्च हुए। इसके अलावा समग्र शिक्षा विभाग को ग्रामीण शहरी ओलिंपिक के लिए 10.68 करोड़, पंचायतीराज को दो बार में 6.39 करोड़ और 5.50 करोड़, मेडल खरीदने में 3.68 करोड़ दिए गए। खेल मंत्री ने कहा ग्रामीण ओलिंपिक खेलों के आधार पर राज्‍य, राष्‍ट्रीय, अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तरीय अन्‍य प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभाओं के चयन या सरकारी सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान नहीं है। खेल सहायता अनुदान नियम के तहत 7145 आवेदन मिले हैं। इनकी जांच के बाद पात्र खिलाड़ियों को सहायता दी जाएगी। मनोज न्यांगली ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा खेल घोटाले में एक दंपती का हाथ है। उस दौरान जमकर घोटाला हुआ, गबन किया। मुख्य खेल अधिकारी के चयन में गड़बड़ी हुई है। मुख्य खेल अधिकारी के पद पर चयन में गलत शपथ पत्र दिया है। जो मुख्य खेल अधिकारी बना उसके खिलाफ रेलवे में 16 और 17 सीसीए (सिविल सेवा आचरण) की जांच लंबित थी। नोटिस मिले हुए थे, जिनकी जानकारी छिपाई। इसकी जांच होनी चाहिए। खेल मंत्री ने मुख्य खेल अधिकारी के पद पर चयन में गड़बड़ी और गलत शपथ पत्र देने के मामले की जांच करवाने की घोषणा की। खेल मंत्री ने कहा कि आउट आफ टर्न सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए 142 खिलाड़ियों के आवेदन प्रक्रियाधीन है। इन्हें सरकारी नौकरी देने का काम प्रोसेस में है।

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