– हैदराबाद ब्लास्ट में भटकल समेत पांच को फांसी
हैदराबाद। हैदराबाद ब्लास्ट में आतंक के पर्याय और इण्डियन मुजाहिदीन (आईएम) के सरगना यासीन भटकल समेत उसके पांच साथियों को एनआईए कोर्ट ने सोमवार को सजा ए मौत सुनाई है। कोर्ट ने यासीन भटकल के अलावा आईएम के आतंकी असदुल्लाह अख्तर उर्फ हडडी, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू, रहमान उर्फ वकास, एजाज शेख को फांसी की सजा दी गई है। इसी मामले में आईएम के संस्थापक सदस्य और यासीन भटकल का भाई रियाज भटकल भी आरोपी है, लेकिन फरार होने के कारण उसके खिलाफ केस लंबित रखा गया है। गत मंगलवार को ही कोर्ट भटकल व साथियों को हैदराबाद के दोहरे ब्लास्ट केस में दोषी करार दिया था। इन धमाकों में 18 लोग मारे गए थे। यह पहली बार है जब आईएम आतंकियों को किसी ब्लास्ट केस में सजा सुनाई गई है। इस मामले की जांच एनआईए ने की थी। चार्जशीट में एनआईए में बताया कि हैदराबाद में बम-ब्लास्ट करके इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने देश के खिलाफ युद्ध छेडऩे की साजिश रची। आतंकियों ने दिलसुखनगर में ब्लास्ट करने से पहले हैदराबाद के बाहरी इलाके में एक पहाड़ी पर ब्लास्ट का टेस्ट किया था। इंटरनेट पर चैटिंग के जरिए साजिश रची गई। 21 फरवरी, 2013 को हुए बम धमाकों में 18 लोग मारे गए और दर्जनों गंभीर घायल हुए। गौरतलब है कि आईएम को 22 जून, 2009 में बैन किया गया। इस संगठन के आतंकियों ने दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर और सूरत में भी बम धमाके में किए थे। देश के कई अन्य शहरों में हुए धमाकों में भी इसी आतंकी संगठन का हाथ बताया जाता है। 2011 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट, दिल्ली हाईकोर्ट, जर्मन बेकरी पुणे में बम धमाकों के पीछे भी इसी संगठन का हाथ रहा है। गौरतलब है कि यासीन और रियाज भटकल ने आईएम संगठन बनाया और देश में स्लीपर सेल बनाकर लोगों को इससे जोड़ा। पाक की खुफिया एजेंसी आईएस और आतंकी संगठनों से मिलकर देश के कई हिस्सों में बम धमाके किए। प्रतिबंध के बाद भी संगठन के आतंकी सक्रिय थे। यासीन व रियाल को बम बनाने का एक्सपर्ट माना जाता है। लश्कर-ए-तैयबा के बम एक्सपर्ट अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने यासीन को पकड़ा था।

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