raamamandir: sansad ke sheetakaaleen satr se pahale sabhee 543 saansadon se milegee veeesapee

जयपुर। नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का एक विवादित बयान सामने आया है। प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट से राम-जन्मभूमि मामले की सुनवाई फास्ट-टÓेक कोर्ट की तरह करने की मांग करते हुए कहा कि जब सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला दे सकती है तो सालों से अटके राम-जन्मभूमि मामले में फैसले में क्यों देरी की जा रही है। वे अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की नेशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

प्रसाद ने कहा कि इस मामले में कानून मंत्री के बजाय आम नागरिक की हैसियत से सुप्रीम कोर्ट को जल्द फैसला दिए जाने की अपील करता हूं। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एमआर शाह, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस एआर मसूदी भी उपस्थित थे। प्रसाद ने कहा कि सबरीमाला, अर्बन नक्सल, समलैंगिकता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कम समय में फैसले देकर नजीर पेश की।

रामलला मंदिर का विवाद कई सालों से चल रहा है। मामले में सुनवाई नहीं हो रही है। संविधान की प्रति दिखाते हुए प्रसाद ने कहा कि इसमें भगवान राम, कृष्ण और अकबर का जिक्र है, लेकिन बाबर का नहीं है। हम क्यों बाबर की इबादत करे और उसे पूजे। गौरतलब है कि राम मंदिर मामले में जल्द सुनवाई को लेकर आरएसएस, विहिप और बजरंग दल भी अपने तेवर दिखा चुका है। देश के कई साधु-संत भी मीटिंग करके रोष जाहिर कर चुके हैं। वे इस मामले में जल्द सुनवाई चाहते हैं, साथ ही केन्द्र की मोदी सरकार से राम लला मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश की मांग कर चुके हैं।

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