I used to suggest that one day will reach the front page from the middle page: Indus

नयी दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन की पोस्टर गर्ल पी वी सिंधू ने आज कहा कि खेल पत्रिका में बीच के पन्नों में अपनी तस्वीर देखने के बाद उसने ठाना था कि वह एक दिन फ्रंट पेज पर जगह बनायेगी और रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर उसने यह उपलब्धि हासिल की । क्रिकेट के दीवाने देश में बैडमिंटन का लोकप्रियता ग्राफ बढाने का श्रेय दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी और ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल के साथ सिंधू को भी जाता है ।उसने आज यहां स्पोर्ट स्टार पत्रिका के नये लुक के लांच के मौके पर कहा ,‘‘ जब मैने खेलना शुरू किया था तो यह जिज्ञासा रहती थी कि अखबार में फोटो या जीत की खबर छपी है या नहीं । स्पोर्ट स्टार में एक बार बीच के पन्ने पर मेरी तस्वीर थी और मैं बहुत खुश हो गई । मैने उस दिन तय किया कि एक दिन फ्रंट पेज पर जगह बनाउंगी ।’’ विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता हैदराबाद की इस खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ओलंपिक के बाद भारत में बैडमिंटन का ग्राफ बढा है । क्रिकेट से तुलना की अगर बात करें तो पिछले कुछ साल में बैडमिंटन ने काफी तरक्की की है ।’’ सिंधू और साइना के कोच तथा आल इंग्लैंड चैम्पियन रह चुके पुलेला गोपीचंद से जब पूछा गया कि बतौर कोच या बतौर खिलाड़ी जब खबर छपती है तो ज्यादा खुशी कब होती है, इस पर उन्होंने कहा कि बतौर खिलाड़ी मिलने वाली खुशी का कोई मुकाबला नहीं है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ी के तौर पर जब आपकी जीत की खबर छपती है तो बहुत खुशी होती है । एक खिलाड़ी के लिये इसके क्या मायने हैं, यह बयां नहीं किया जा सकता । मेरी पीढी में पैसा नहीं बल्कि यह संतोष सबसे अहम था ।’’ गोपीचंद ने अपने खेलने के दिनों का उदाहरण देते हुए कहा ,‘‘उस समय मैं आस्ट्रिया में जीता था और मैने अपनी मम्मी को आईएसडी कॉल किया था । यह पूछने के लिये कि मेरी फोटो या खबर अखबार में छपी या नहीं और ना सुनकर काफी निराशा हुई थी । उस समय अखबार में अपना नाम देखने को हम तरस जाते थे ।’’

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