Delhi government reached NGT for amendment in order of equitable scheme

नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का दरवाजा खटखटाकर 11 नवम्बर के सम-विषम के आदेश में संशोधन करने की मांग की है। हरित पैनल ने कहा कि 11 नवम्बर को इसने आप सरकार को सम-विषम कार योजना को 13 नवम्बर से पांच दिनों के लिए सशर्त लागू करने को मंजूरी दी थी और आदेश दिया था कि ‘‘किसी भी व्यक्ति या अधिकारी और दो पहिया वाहनों’’ को छूट नहीं दी जानी चाहिए। इसने कहा था कि 48 घंटे की अवधि में जैसे ही पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 10 स्तर 500 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर और पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा हो जाता है तो सम-विषम योजना को ‘‘बिना किसी चूक’’ के लागू किया जाना चाहिए। सरकार ने शनिवार को सम-विषम वाहन योजना लागू करने की योजना को रद्द कर दिया था जो आज शुरू होने वाला था। एनजीटी ने कहा था कि महिलाओं, दो पहिया वाहनों और दिल्ली के नौकरशाहों को इससे छूट नहीं मिलेगी जिसके बाद इसे खत्म किया गया था। इससे पहले दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उनकी सरकार एनजीटी में समीक्षा याचिका दायर कर बताएगी कि दो पहिया वाहनों और महिलाओं को सम-विषम योजना से छूट दी जाए।

राष्ट्रीय राजधानी में करीब एक हफ्ते से जहरीली धुंध छायी हुई है जिसके बाद अधिकारी आपातकालीन उपाय लागू करने को बाध्य हुए जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण कार्य और ईंट-भट्ठे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आप सरकार पर्यावरण वैज्ञानिकों के भी संपर्क में है और लगातार प्रदूषण स्तर की निगरानी कर रही है। राय ने कहा, ‘‘ट्रकों की आवाजाही और निर्माण कार्य पर नजर रखी जा रही है, पानी का छिड़काव किया जा रहा है, हम स्थिति पर लगातार निगाह रख रहे हैं। पवन हंस के अधिकारियों से आज बैठक होगी जिसमें ऊपर से जल छिड़काव पर चर्चा की जाएगी।’’ मंत्री ने हरियाणा सरकार पर भी पराली जलाने के लिए प्रहार किया। राय ने कहा, ‘‘वैज्ञानिकों ने पिछले 48 घंटे की रिपोर्ट सौंपी है उसमें वायु की गुणवत्ता में बदलाव हुए हैं। रिपोर्ट मुख्यमंत्री और कैबिनेट को सौंपी गई है।’’

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