Give honest and unbiased advice to police officer executive: Covind

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का पालन बिना किसी डर और विनम्रता के साथ करने की सलाह दी ।उन्होंने साथ ही कहा कि पुलिस अधिकारियों को पेशेवराना हैसियत से निडर होकर कार्यपालिका को ईमानदार और पक्षपातरहित सलाह देनी चाहिए ।उन्होंने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा हमारी राष्ट्रीय प्रशासनिक प्रणाली के स्तंभों में से एक है। अखिल भारतीय सेवा के एक सदस्य के रूप में, निःसंदेह आप किसी एक राज्य की सेवा करेंगे परंतु आप एक राष्ट्रीय विचारधारा के प्रतिनिधि भी होंगे। विधि शासन और हमारी लोकतांत्रिक राजव्यवस्था की आम अवधारणा को बनाए रखना आपकी अनिवार्यता होगी। इस प्रकार से, आप केवल लोक व्यवस्था और ईमानदार आचरण के ही संरक्षक नहीं होंगे बल्कि कानून की महिमा के निगहबान भी होंगे। कोविंद ने कहा कि आपका पद आपको वह अधिकार और शक्तियां देता है जो लोगों की सेवा में वास्तविक साधन हैं। लोक सेवक के रूप में, लोक-सेवा करना और सबसे गरीब तबके के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करना आपका दायित्व होगा। ऐसी बहुत कम सरकारी सेवाएं हैं जिनका केवल कुछेक लोगों पर ही नहीं, बल्कि हजारों लोगों पर फर्क पड़ता है। पुलिस सेवा वह गिनी-चुनी सेवा है जो आपको ऐसा करने का मौका देती है। यह आपमें से प्रत्येक को राष्ट्र निर्माता बनाती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी नई है और इसकी अलग चुनौतियां हैं । इनमें आतंकवाद और वाम उग्रवाद के अलावा प्रौद्योगिकी से उत्पन्न अपराध प्रमुख है । उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति के बीच डिजिटल अपराध एक नये संकट का रूप ले रहे हैं और ऐसे में इन चुनौतियों से निपटना महत्वपूर्ण है। भारतीय पुलिस सेवा के 69 आरआर (2016 बैच) के अधिकारी प्रशिक्षार्थियों से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा की पुरानी 19वीं शताब्दी की परंपरा है। आज भी इनमें बुनियादी मूल्य और राष्ट्रीय प्रयोजन की भावना वही है। फिर भी 21वीं सदी में नई और अलग चुनौतियां हैं। राष्ट्रपति सचिवालय की विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इनमें से दो का जिक्र करना चाहूंगा। पहली चुनौती है आतंकवाद और वाम उग्रवाद। इनके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों पहलू हैं। आपको इन चुनौतियों का सामना करना है, परंतु इस बात का ध्यान रखते हुए कि सामान्य जनता को कष्ट न पहुंचे।’’ कोविंद ने कहा कि दूसरी चुनौती यह है कि आर्थिक प्रगति के साथ सफेदपोश और सामूहिक अपराध के भी मार्ग खुल गए हैं। इससे हमारे पुलिस बल की कुछ शाखाओं में और अधिक विशिष्ट होने की मांग बढ़ गई है । ऐसे में जब टेक्नालॉजी और इंटरनेट हमारे समाज में बेहतर ढंग से बदलाव ला रहे हैं, वे जटिल, डिजिटल अपराध का मार्ग भी खोल रहे हैं। ये चुनौतियां हैं जिनका सामना आप पुलिस अधिकारियों की पीढ़ी को करना पड़ेगा और मुझे विश्वास है कि आप इस पर जीत हासिल अवश्य करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नालॉजी एक चुनौती भी है और एक हथियार भी। टेक्नालॉजी आपको आपकी जिम्मेदारी बड़ी दक्षता से निभाने में मदद करती है। यह नागरिकों को अपने घर से, कंप्यूटर से या मोबाइल से पुलिस फोर्स के साथ बातचीत और शिकायत तक दर्ज भी करने की सुविधा देती है। इस प्रक्रिया को प्रोत्साहन देने की जरूरत है । एक आदर्श पुलिस प्रणाली वह है जहां नागरिक को पुलिस स्टेशन जाने की कम से कम आवश्यकता पड़े।

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