नयी दिल्ली। प्रदूषण और जाम से मुकाबला करने के लिए भोपाल में साइकिल साझा करने का कार्यक्रम सफल रहने के बाद अन्य शहरों में भी इस विचार को पसंद किया जा रहा है । आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, ‘‘भोपाल का सार्वजनिक बाइक साझा कार्यक्रम भारत में नये रूझान को स्थापित कर रहा है। निजी मोटर वाहन के विकल्प के तौर पर साइकिल को लाने का भोपाल का विचार केवल इस्तेमाल करने वालों के स्वास्थ्य में ही नहीं बल्कि पर्यावरण में भी योगदान दे रहा है।’’ उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देशभर में इसी तरह के करीब 30 कार्यक्रम लाए जा रहे हैं । इसमें से करीब 20 विस्तृत परियोजना, रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने के विभिन्न चरण में है। जून में भोपाल ने 500 साइकिलों के साथ देश का पहला पूरी तरह से स्वचालित साइकिल साझा कार्यक्रम शुरू किया ।
इसके तहत शहर में साइकिलों के लिए 12 किलोमीटर का मार्ग निर्धारित किया गया है और करीब 50 जगहों पर लोग फोन ऐप का इस्तेमाल करते हुए साइकिल ले सकते हैं और इसे वापस कर सकते हैं । ऐप में इस्तेमाल करने वालों को पंजीकरण कराना होता है, एक योजना चुननी पड़ती है और उसके लिए रकम का भुगतान करना पड़ता है । अधिकारी ने बताया कि करीब सात करोड़ की लागत वाले इस कार्यक्रम को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत शुरू किया गया। स्मार्ट सिटी मिशन कोष के जरिए करीब तीन करोड़ रूपये दिए गए और बाकी निजी कंपनी ने वहन किया ।